सोनभद्र से प्रवीण पटेल की रिपोर्ट
सोनभद्र। जनपद के बीना कोल माइंस के गेट पर अपनी मांगों को लेकर विस्थापित छह दिनों से आमरण अनशन पर बैठे है। जिसमे एक अनशनरत व्यक्ति शिव प्रसाद की हालत बिगड़ने के बाद स्थानीय प्रशासन ने तत्काल उनको जिला अस्पताल एडमिट करवाया। वही कुछ विस्थापितों के घरों में लगभग आठ दिनों से चूल्हा नही जला है और विस्थापितों के परिवारजन भी अपने घरों पर उपवास कर रहे है। आमरण अनशन के छठवें दिन स्थानीय प्रशासन की कुम्भकर्णीय नींद खुल गयी और अनशन स्थल पर बैठे विस्थापितों से आज बातचीत शुरू हुई।
ये है पूरा मामला-
बता दें कि बीते जनवरी माह में अनशनकारी अंकुश दुबे द्वारा एनसीएल बिना परियोजना में कार्य करने आई बीजीआर कंपनी में विस्थापितों को रोजगार दिलाने को लेकर तकरीबन 8 दिन तक शांतिपूर्वक तरीके से एनसीएल बिना परिजनों के द्वार पर धरने पर बैठे रहे। जिसके बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम द्वारा आश्वासन दिया गया जिसके बाद धरना समाप्त हुआ था। जिसमें अंकुश दुबे द्वारा बताया गया कि 1 तारीख को विस्थापित परिवारों को रोजगार दिए जाने की बात कही गई थी। जिसके बावजूद बीजीआर कम्पनी के रवैये में कोई परिवर्तन नही हुआ रोजगार न मिलने पर तकरीबन दर्जनों लोग अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर अपने घर में बैठे हैं। अन्य लोग भी अपने अपने घरों पर भूख हड़ताल कर रहे हैं । विस्थापितों के घरों में लगभग आठ दिनों से खाना नही बन रहा है।
इसलिए धरने पर बैठे लोग-
इसके साथ ही आमरण अनशन पर बैठे रहे शिव प्रसाद ने बताया कि लगातार कम्पनी से विस्थापितों को रोजगार दिए जाने की मांग किया जा रहा है NCL के द्वारा जितने विस्थापित है उनके रोजगार के लिए लिस्ट जारी कर दी गयी है। पर बीजीआर कम्पनी के द्वारा हम लोगो को परेशान किया जा रहा है। इसके पहले भी जनवरी में हम सभी लोग धरना प्रदर्शन किए थे तब एसडीएम द्वारा हम लोगो को आश्वाशन दिया गया था तो हम लोग धरना समाप्त कर दिए पर एक महीने से फिर बीजीआर कम्पनी हम लोगो को भगा दे रही है । जिसकी वजह से हम लोग आमरण अनशन पर छह दिनों से बैठे है । मेरी तबियत बिगड़ने के बाद मुझे और मेरे साथी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
कम्पनी के गेट पर भूख हड़ताल पर बैठे विस्थापित लोग-
वहीं शांति देवी ने बताया कि हम लोगो विस्थापित है और बिना कोल माइंस में बीजीआर कम्पनी में हम लोगो को रोजगार दिया जाना है NCL बिना परियोजना ने लिस्ट भी जारी कर दिया है पर कम्पनी रोजगार नही दे रही है, उल्टे भगा रही है। जिसकी वजह से हम लोग महिलाए अपने घरों में चूल्हा नही जला रही है। घर पर ही भूख हड़ताल पर हम लोग बैठे है। हमारे घर वाले कम्पनी के गेट पर भूख हड़ताल पर बैठे है जबतक हमारी मांगो को नही माना जाता तबतक हम भूख हड़ताल खत्म नही करेंगे। वही जिला अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि भूख हड़ताल पर बैठे व्यक्ति की हालत ठीक है उन्होंने भोजन नही किया था अभी उसकी रिपोर्ट नही आई है आने के बाद सम्भवतः उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी।