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दिवाली पर महा लक्ष्मी की पूजा करने से दूर होंगे सारे कष्ट, जानें शुभ मुहूर्त

diwali pooja

इस साल दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग में दिवाली मनेगी. पंचांग गणना में इस बार द्वितीय तिथि का क्षय हो रहा है. इसके अनुसार, दीप पर्व में रूप चौदस सुबह, तो महालक्ष्मी पूजन शाम को किया जा सकेगा. पूर्व में भी इसी तरह दीप उत्सव मनाए जा चुके हैं. 13 नवंबर को प्रदोषकाल में धनतेरस और दीप दान, मास शिवरात्रि का प्रदोष के पर्व के साथ धनवंतरी जयंती भी मनाई जाएगी. रूप चौदस चतुर्दशी का पर्व अरुणोदयम से पूर्व मनाया जाएगा. 14 नवंबर को महालक्ष्मी पूजन के समय स्वाति नक्षत्र सौभाग्य योग तुला राशि का चंद्रमा तुला राशि का सूर्य धनु राशि के गुरू में होगा.
दिवाली 14 नवंबर, शनिवार को मनाई जाएगी. इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. मान्यता है कि दीपावली यानी कार्तिक मास की अमावस्या पर लक्ष्मी जी की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, लक्ष्मी जी को दिवाली पर प्रसन्न करने के लिए पूजा के शुभ मुहूर्त का खास ख्याल रखना चाहिए.

दिवाली का शुभ मुहूर्त
व्यापारिक प्रतिष्ठान, शोरूम, दुकान, गद्दी की पूजा, कुर्सी की पूजा, गल्ले की पूजा, तुला पूजा, मशीन-कंप्यूटर, कलम-दवात आदि की पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त अभिजित- दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से आरम्भ हो जाएगा. इसी के मध्य क्रमशः चर, लाभ और अमृत की चौघडियां भी विद्यमान रहेंगी जो शाम 04 बजकर 05 मिनट तक रहेंगी.

गृहस्थों के लिए श्रीमहालक्ष्मी के पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त और प्रदोषकाल
शाम 5 बजकर 24 मिनट से रात्रि 8 बजकर 06 तक प्रदोषकाल मान्य रहेगा. इसके मध्य रात्रि 7 बजकर 24 मिनट से सभी कार्यों में सफलता और शुभ परिणाम दिलाने वाली स्थिर लग्न वृषभ का भी उदय हो रहा है. प्रदोष काल से लेकर रात्रि 7 बजकर 5 मिनट तक लाभ की चौघड़िया भी विद्यमान रहेगी. ये भी मां श्रीमहालक्ष्मी और गणेश की पूजा के लिए श्रेष्ठ मुहूर्तों में से एक है. इसी समय परम शुभ नक्षत्र स्वाति भी विद्यमान है जो 8 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. सभी गृहस्थों के लिए इसी समय के मध्य में मां श्रीमहालक्ष्मी जी की पूजा-आराधना करना श्रेष्ठतम रहेगा.

अतिशुभ मुहूर्त निशीथ काल
जप-तप पूजा-पाठ आराधना और विद्यार्थियों के लिए मां श्री महासरस्वती की वंदना करने का समय रात्रि 8 बजकर 06 से 10 बजकर 49 तक रहेगा.
ईष्ट साधना और तांत्रिक पूजा के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त महानिशीथ काल
घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर करने वाली मां श्री महाकाली, प्रेत बाधा से मुक्ति दिलाने वाले भगवान श्रीकाल भैरव की पूजा, तांत्रिक जगत और ईस्ट साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त महानिशीथ काल का आरंभ रात्रि 10 बजकर 49 मिनट से आरंभ होकर मध्य रात्रि पश्चात 1 बजकर 31 मिनट तक रहेगा.

पं अक्षय शर्मा———-✍🏻🌹
9639611555

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