अयोध्या। जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गुरुवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के विरुद्ध मुकदमा दायर किया है। यह मुकदमा दीवानी न्यायालय में किया गया है । रामकोट मोहल्ला में स्थित फकीरे राम मंदिर वह उसकी संपत्ति की बिक्री को लेकर यह मुकदमा दायर किया गया है।
वादी पक्ष की तरफ से advocate रणजीत लाल शर्मा और सुजीत वर्मा ने बहस की। न्यायाधीश संजीव त्रिपाठी ने प्रतिवादी पक्ष के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, मंदिर के मूल ट्रस्टी कृपा शंकर दास वा राम किशोर सिंह को नोटिस जारी किया है। मुकदमे की सुनवाई अगस्त नियत की गई है। वादी के मुताबिक श्री राम जन्मभूमि मंदिर के सामने स्थित प्राचीन रामलीला मंदिर का पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व है। इसकी पौराणिक कायम रहे यह जरूरी है। मंदिर के महंत राज किशोरी शरण ने मंदिर का ट्रस्ट बना दिया था। ट्रस्ट के नियम के तहत मंदिर संपत्ति की बिक्री नहीं की जा सकती और इसकी देखरेख व व्यवस्था ट्रस्ट के नियमों के तहत की जाएगी।
महंत की मृत्यु के बाद रघुवर शरण स्वयं महंत बन बैठे और ट्रस्ट की व्यवस्था और नियमों के विपरीत सरकारी कागजात में अपने नाम दाखिल खारिज करा लिया। 26 मार्च को खारिज दाखिल हुआ और अगले ही दिन 27 मार्च को मंदिर व संपत्ति का बैनामा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को कर दिया गया। जबकि इसका अधिकार उन्हें नहीं था।