मथुरा: ब्राह्मण सेवा संघ के शिविर में इन दिनों माहौल पूरा भक्तिमय हो गया है। कुंभ मेला के चलते भारी संख्या में श्रद्धालु और साधु संत वृंदावन में आए हुए हैं। इसी के चलते मेला क्षेत्र में ब्राह्मण सेवा संघ का शिविर भी लगा हुआ है।
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जहां आचार्य पंडित सुरेश चंद्र शास्त्री महाराज के द्वारा भक्ति का रसपान कराया जा रहा है, श्रीमद्भागवत कथा के माध्यम से जिंदगी के अलग-अलग पहलुओं पर भक्तों को कथा सुनाई जाती है।
भक्तिमय जीवन की कला सिखाती है कथा
कथा वाचन के दौरान महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा विशुद्ध प्रेम, त्याग एवं भक्तिमय जीवन जीने की कला सिखाती है। जिंदगी का सही अर्थ श्रीमद्भागवत में छिपा हुआ है। भगवान की लीलाओं और उनके संघर्षों से मनुष्य अपने जीवन को बेहतर बना सकता है।
जिसने भी इस कथा का आश्रय लिया है, उसका जीवन सफल हो गया है। उन्होंने कहा कि हम काम, क्रोध, लोभ और मोह के मायाजाल में फंसे रहते हैं। मनुष्य इन समस्याओं से जितनी जल्दी खुद को निकाल लेता है, उतनी तेजी से उसका विकास होने लगता है।
भगवान की शरण में रहने से हमारे सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और सारी विकृतियां खत्म हो जाती हैं। श्रीमद्भागवत कथा के माध्यम से परमानंद की प्राप्ति होती है और परमधाम का सुख मिलता है। ईश्वर के श्री चरणों में हमें सारी समस्याओं का हल मिल जाता है।
श्रीमद् भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान
ब्राह्मण सेवा संघ के परिसर में जिंदगी की हर एक शिक्षा मिल रही है। आचार्य ने आगे बताया कि श्रीमद्भागवत की कथा कल्पवृक्ष के समान है, इससे सभी की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। भगवान की शरण में जाना अपने आप को ईश्वर की जिम्मेदारी पर छोड़ देना है। ईश्वर हमारा सबसे बड़ा शुभचिंतक है, ऐसे में उनकी शरण में रहने से सर्वथा लाभ ही होता है।
ब्राह्मण सेवा संघ में मौजूद रहे कई श्रद्धालु
ब्राह्मण सेवा संघ के शिविर में इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। सभी को यहां ज्ञान की धारा में रसपान करने का मौका मिल रहा है। इस दौरान शिविर में पंडित चंद्र लाल शर्मा, आचार्य आनंद बल्लभ गोस्वामी, सत्यभान शर्मा ने विधिवत माल्यार्पण के साथ कथा का शुभारंभ किया।
भगवान जी की आरती उतारने के दौरान पंडित जगदीश नीलम, आनंद द्विवेदी, चीनू शर्मा, लाला व्यास गोवर्धन, समाज सेविका लक्ष्मी गौतम, संजय शर्मा, नीरज गौड़, प्रेमचंद विछल, आशीष कुमार विछल मौजूद रहे। अध्यक्ष आचार्य आनंद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि कुंभ मेला में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन सभी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। ईश्वर की वंदना करने के साथ-साथ हमें ज्ञान की प्राप्ति भी होगी। ऐसे अन्य आयोजन भी जगह जगह पर किए जाने चाहिए।