हरियाणाः राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि हमे संकीर्ण सोच व वैमनस्य की भावना से ऊपर उठकर गीता उपदेश का अनुसरण करना चाहिए।प्रत्येक गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। तभी समाज में आपसी समानता होगी जिससे सामाजिक सद्भाव बढ़ेगा।उक्त बात राज्यपाल ने तब कही आज आर्य राजभवन में पहले से तय कार्यक्रम अनुसार लोगो से मिल रहे थे।
इसे भी पढ़ेःसत्यदेव नारायण आर्य बने हरियाणा के 17वें राज्यपाल
आज हरियाणा पिछड़ा वर्ग के चेयरमैन रामचन्द्र जांगड़ा, राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से मिले। राज्यपाल ने कहा कि गीता विभिन्न ग्रंथों का सार है। और गीता मानव जीवन जीने की पद्धति सिखाती है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति जीवन में गीतापोदेश उतारें। उन्होंने कहा कि संघर्ष ही जीवन है संघर्ष के बिना मनुष्य मृत्यु के समान है। गीता उपदेश से हमें संघर्ष की प्रेरणा मिलती है।
गीता के 8व 7वें श्लोक मे कहा गया है कि संघर्षो से मन घबराए नहीं
राज्यपाल ने गीती का हवाला दते हुए कहा कि गीता के 8व 7वें श्लोक मे कहा गया है कि संघर्षो से मन घबराए नहीं मजबूत रहे यही गीता प्रेरणा है।राज्यपाल ने रामचंद्र जांगड़ा से हरियाणा राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण निगम द्वारा चलाई जा रही योजनाओं व कार्यक्रमो की जानकारी भी ली। उन्होंने इस दिशा में बेहतर कार्य करने को कहा।जिससे निगम की योजनाओं का प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति को लाभ मिल सके। वहीं बिहार से आए श्रीनाथ मिश्रा ने भी राज्यपाल से भेट की।