पटना। गोहिल साहब! अभिवादन और कार्रवाई में फर्क है। बिहार में न्याय के साथ सुशासन है, जो जैसा करेगा, वह वैसा भोगेगा। अगर गलत करेगा,तो परिणाम भी मिलेगा। उस पर कानूनसम्मत करवाई तय है,भले ही वह कोई भी हो। यही तो फर्क है 15 साल पहले के शासनकाल और आज के शासनकाल का।
गोहिल बाबू- ‘गुड़ खाएंगे और गुलगुला से परहेज’। अरे भाई इतना डर क्यों? जब भीड़ जुटाने की आकांक्षा है ही तो, फिर स्टेज पर भी जगह दे दीजिए। पहले तो लालू जी से भी मिलने में राहुल जी को डर लगता था, अब तो गलबहियां ले रहे। वोट के लिए सब जायज है,कोशिश में लगे रहिए।
बिहार में न्याय के साथ सुशासन है, गोहिल जी। जो जैसा करता है,वैसा पाता है । समाज के लिए चेतावनी’वाले विधायक तो आपके आराध्य हो गए, परन्तु दुष्कर्म के सजायाफ्ता विधायक से अपने घटकदल राजद की तरह प्रेरणा कब लेना शुरू करेंगे ? पूर्व सांसद तो तिहाड़ में ही है, उनसे भी चुनाव में सलाह ले लीजिए।