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पीएमसी बैंक घोटाले में चौंकाने वाला खुलासा, परमीत सोढी ने किया दावा खुद भी हुई घोटाले की शिकार

pmc bank पीएमसी बैंक घोटाले में चौंकाने वाला खुलासा, परमीत सोढी ने किया दावा खुद भी हुई घोटाले की शिकार

नई दिल्ली। पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। बैंक की निदेशक परमीत सोढी ने दावा किया है कि वह खुद इस घोटाले की शिकार हुई हैं। सोढी फिलहाल कनाडा में छुट्टियां बिता रही हैं और पुलिस ने उनके खिलाफ हाल में लुक आउट नोटिस जारी किया है। सोढी ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में दावा किया है कि उन्होंने ‘हाल में बैंक में अपने 10 लाख रुपये जमा कराए हैं, जिससे पता चलता है कि उन्हें हाउजिंग डिवेलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा की जा रही धोखाधड़ी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।’

शुक्रवार को सेशन कोर्ट में दाखिल अग्रिम जमानत याचिका में उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया गया है, इसलिए उन्हें आशंका है कि 28 अक्टूबर को भारत लौटने पर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।

मामले में 5 लोग अरेस्ट

इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है और 17 लोगों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। जिन लोगों को अरेस्ट किया गया है, उनमें बैंक के एमडी जॉय थॉमस, पूर्व चेयरमैन वारयम सिंह, निदेशक सुरजीत सिंह अरोड़ा, इचडीआईएल के निदेशक राकेश और सारंग वधावन शामिल हैं।

एचडीआईएल पर 3,500 करोड़ का कर्ज

एचडीआईएल और इसके निदेशकों राकेश तथा सारंग वधावन ने मार्च तक बैंक से कुल 3,337.5 करोड़ रुपये का लोन लिया। बैंक अगस्त तक उन्हें लोन देती रही, जब यह बढ़कर 3,513.3 करोड़ रुपये पर पहुंच गया 

विरोध के बाद निकासी सीमा बढ़ी

खाताधारकों के विरोध-प्रदर्शन के बाद आरबीआई ने खाते से पैसे निकालने की सीमा पहले 10 हजार रुपये और फिर उसे बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दी थी। हालांकि, इस बैंक में लाखों और यहां तक कि करोड़ों जमा करने वाले लोगों का कहना है कि 40 हजार की रकम इतनी कम है कि इससे एक महीने का गुजारा भी नहीं चल सकता है। बाद में विशेष परिस्थितियों में निकासी सीमा 50 हजार रुपये कर दी गई है।

क्या है पीएमसी बैंक घोटाला?

पंजाब व महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (PMC) बैंक में फाइनैंशल फ्रॉड लगभग एक दशक से चल रहा था। जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि जॉय थॉमस की अगुआई में बैंक मैनेजमेंट ने कंस्ट्रक्शन कंपनी HDIL को फंड दिलाने के लिए हजारों डमी अकाउंट खोले हुए थे। यह खेल करीब 10 साल से चल रहा था। रेगुलेटर को शुरुआत में पता चला कि थॉमस और मैनेजमेंट के कुछ लोगों ने मिलकर 4,226 करोड़ रुपये (बैंक के टोटल लोन का 73% हिस्सा) सिर्फ एक ही कंपनी HDIL को दिए थे, जो अब दिवालिया हो गई है।

ऐसे में इस बैंक का दिवाला पिट गया और आरबीआई ने इसके कामकाज पर रोक लगा दी। उसने डिपॉजिटरों के पैसे निकालने की लिमिट तय कर दी। इसके बाद सामने आया कि घोटाला 4,226 करोड़ का नहीं, बल्कि 4,355 करोड़ रुपये का है। अब सामने आया है कि पीएमसी बैंक लोन घोटाला 6500 करोड़ रुपये से ज्यादा का है।

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