जम्मू। कश्मीर घाटी में शांति के प्रयास को पत्थरबाजों ने एक बार फिर नाकाम कर दिया है। घाटी के पार से लगातार कश्मीर घाटी में आतंकवाद को बढ़ाने और वहां के युवाओं को बरगलाने का काम पाकिस्तान की सरपरस्ती में बैठे आतंकी संगठन और उनके आकाओं की ओर से किया जा रहा है। शनिवार को शोंपिया में इन्ही आतंकियों के मंसूबों के चलते पत्थरबाजों की एक टोली ने सेना के काफिले को घेर लिया। जिसके बाद सेना पर पत्थरबाजी होने लगी।
जबाबी कार्रवाई में सेना ने अपने बचाव के लिए बल प्रयोग किया जिसमें 2 युवकों की मौत हो गई, वहीं 7 लोग घायल हुए हैं। भीड़ इस कदर उग्र हो चुकी थी कि उसने सेना के वाहनों में तोड़-फोड़ की और कई गाड़ियों को जलाने का प्रयास भी किया। सेना के मुताबिक सेना को पहले 100 पत्थर बाजों ने घेर कर पत्थरबाजी शुरू कर दी लेकिन धीरे-धीरे ये भीड़ करीब 250 तक की संख्या में आ गई हालत और स्थितियां बेकाबू होता देख सेना को बल प्रयोग करना पड़ा।
पत्थरबाजों की मौत पर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री ने तीखी प्रक्रिया व्यक्त करते हुए रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण से बात की है। उन्होने साफ कहा कि नागरिकों की मौत से शांति वार्ता को एक बार फिर झटका लगा है। हांलाकि रक्षामंत्री ने पूरी घटना पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है। इसके साथ ही उन्होने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया है कि इस पर रिपोर्ट तलब कर वो सेना को निर्देशित करेंगी की भविष्य में ये दुबारा दोहराया ना जाए। हांलाकि सेना की इस कार्रवाई के विरोध में रविवार को हुर्रियत ने घाटी में बंद का आह्वान किया है। घटना के बाद से घाटी में इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी गई हैं।