उपचुनावों में मिली हार के बाद केंद्र की बीजेपी सरकार 2019 तैयारी में जी जान से लग गई है। जिसके तहत वह अपनी राजग सहयोगी पार्टियों से एक-एक करके मुलाकात कर रही है। भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी और महाराष्ट्र में भाजपा का साथ देने वाली शिवसेना ने बीजेपी के संपर्क अभियान पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वह सभी आगामी चुनाव अकेले लड़ेगी। शिवसेना का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र में पूछा, ‘प्रधानमंत्री विश्व भर में घूम रहे हैं और भाजपा प्रमुख अमित शाह संपर्क कार्यक्रम के तहत देश का भ्रमण कर रहे हैं। शाह राजग के सहयोगियों से मुलाकात करेंगे। बहरहाल वह क्या करेंगे? वह इस समय बैठक क्यों कर रहे हैं जब बीजेपी को उपचुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा है।’ उन्होंने कहा कि शाह के संपर्क अभियान का कारण 2019 के चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना हो सकता है लेकिन बीजेपी का लोगों से संपर्क खत्म हो गया है।
शिवसेना ने कहा, ‘राजस्थान और मध्यप्रदेश में बदलाव की हवा चल रही है। महाराष्ट्र में भी सत्ता में बदलाव जरूरी हो गया है। अमित शाह बीजेपी के बलबूते लोकसभा में 350 सीट जीतना चाहते हैं। वह कहते हैं कि उसके बाद राम मंदिर बनेगा। उनकी जिद को सलाम।’
पार्टी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण महंगाई काफी बढ़ गई है और किसान प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि सरकार से उनका संपर्क कट गया है। शिवसेना ने कहा कि पालघर उपचुनाव के दौरान मोदी और अमित शाह के पोस्टर गायब रहे। मुखपत्र में लिखा हुआ है कि पार्टी ने अपने दिवंगत सांसद चिंतामन वनगा के पोस्टर लगाए जबकि उनके परिजनों ने विरोध किया था।
शिवसेना लिखा है, ‘उनकी जीत के बाद मोदी और शाह के पोस्टर फिर लग गए। यह दिखाता है कि व्यावसायिक अंकगणित से निर्णय हो रहा है कि आप कब और किससे संपर्क करेंगे और किससे संपर्क तोड़ेंगे।’