भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई गई कृषक समृद्धि योजना से किसान संतुष्ट हैं यां नहीं इसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सर्वे कराने का फैसला किया है। इस सर्वे की जिम्मेदारी सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति संस्थान को सौंपी है, जिसके तहत क्लेक्टर की अध्यक्षता में हर जिले में एक समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति का काम किसानों के डाटाबेस की पुष्टि करना होना। इसके अलावा किसानों को उत्पादकता प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
सरकार ने तय किया है कि विवाद की सूरत में समिति 15 दिन में निराकरण करके राशि नए खातों में जमा कराएगी। बता दें कि प्रदेश में पहली बार कोई सरकार उत्पादकता प्रोत्साहन के नाम पर किसानों के प्रति क्विटल 265 से लेकर 100 रुपये प्रति क्विटल तक देने जा रही है। सर्वे को लेकर कृषि प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौर ने बताया कि पिछले साल न्यूनतम समर्थन मुल्य पर गेहूं और धान बेचने वालों को प्रति क्विंटल 200 रुपये मिले थे।
इस साल इसमें बड़ा बदलाव करते हुए गेहूं बेचने वालों को 265 रुपए और चना, मसूर और सरसों बेचने वाले पंजीकृत किसानों को प्रति क्विंटल 100 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।योजना के क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। समिति किसानों के डाटाबेस का परीक्षण करके पुष्टि करेगी। किसानों के बैंक खातों में राशि जमा होगी और इसकी सूचना बाकायदा एसएमएस के जरिए दी जाएगी।