लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सरकार में उठापटक जारी है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी कैबिनेट का फेर बदल किया जिसमें मुलायम के करीबी और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता शिवपाल यादव से अखिलेश ने कई अहम मंत्रालय वापस ले लिए थे जिसके बाद ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि शिवपाल यादव बुधवार को मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सकते हैं। इसके साथ ही ऐसे कयास लगाए जा रहे कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को राज्यपाल से होने वाली बैठक में विधानसभा भंग करने की पेशकश कर सकते है।
बता दें कि समाजवादी पार्टी में ये राजनीतिक घमासान काफी लंबे समय से जारी है और अक्सर मीडिया के सामने चाचा-भतीजे की टशन भी खुलकर सामने आई है। दरअसल, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव से बिना पूछे सोमवार को दो कैबिनेट मंत्रियों गायत्री प्रजापति और राजकिशोर सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। जिसके बाद मुलायम ने शिवपाल की नाराजगी दूर करने के लिए अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष के दायित्व से मुक्त करते हुए यह जिम्मेदारी सूबे के कद्दावर मंत्री शिवपाल यादव को सौंप दी। मुलायम यादव के इस फेर बदल के बाद मंगलवार को अखिलेश यादव ने शिवपाल से पीडब्लूडी, सिचाई और सहकारिता विभाग जैसे अहम विभाग वापस लेते हुए सिर्फ 2 दो विभाग उन्हें सौंपे।
कहा जा रहा है कि अब शिवपाल के पास सिर्फ समाज कल्याण मंत्रालय ही बचा है। वहीं बलराम यादव को सहकारिता विभाग भी दिया गया है, पीडब्ल्यूडी विभाग मुख्यमंत्री अखिलेश ने खुद अपने पास ही रखा है। राजनीतिक पंडित मान रहे हैं कि उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले सपा का यह फैसला बताता है कि पार्टी में अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मंत्रियों के बाद हटाए गए मुख्य सचिव दीपक सिंघल को शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है।