नई दिल्ली। रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर देश में हो रही वकालत का प्रखर विरोध करते हुए भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना ने अपने मुख्य पत्र सामना में लिखा है कि वोट के लिए इन लोगों से सहानुभूति दिखाने वालों ने देश के खिलाफ विद्रोह की पराकाष्ठा को दिखा दिया है। शिवसेना ने रोहिग्या मुसलमानो की तरफदारी करने वालो की देशभक्ति पर ही अपने पत्र में सवालिया निशान लगाकर जमकर हमला बोला है। अपने मुख्य पत्र सामना में इस बात का जिक्र करते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा है कि वोट के लिए इस तरह की राजनीति करना देश के साथ गद्दारी है।
पहले ही भारत में लाखों बांग्लादेशी और पाकिस्तानी रह रहे हैं। ऐसे में अब रोहिंग्या भी इसमें शामिल हो जाएं तो यहां के मुसलमानों के अधिकारों का हनन होगा।म्यांमार में सैन्य कार्रवाई को बाद बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमानों ने भारत और बांग्लादेश में प्रवेश किया है। केन्द्र सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराते हुए साफ किया है कि देश में तकरीबन 40 हजार से ज्यादा रोहिंग्या अवैध तरीके से रह रहे हैं, जिनसे देश की सुरक्षा को खतरा है। केन्द्र सरकार ने इस बारे में साफ कहा है कि इनमें से कई पाकिस्तान की खुफिया एजेन्सी आईएसआई से संपर्क में भी हैं।
अब भाजपा की केन्द्र और राज्य में सहयोगी शिवसेना इसी बात को लेकर विपक्ष और रोहिंग्या की वकालत करने वाली पार्टियों पर जमकर अपने मुख्य पत्र के जरिए बरस रही है। शिवसेना ने इस बारे में साफ किया है कि जो लोग इस बात की वकालत कर रहे हैं वो वोट की राजनीति ही करते हैं इसके लिए देश की सुरक्षा के साथ भी खेल सकते हैं। जिसको केवल देशद्रोह की संज्ञा की जा सकती है।