- भारत खबर || नई दिल्ली
शिव आराधना Shiv Aradhna का सोमवार के दिन विशेष महत्व माना जाता है। सोमवार के दिन देवों के देव महादेव की पूजा का बहुत बड़ा विधान है । सदियों पुरानी चली आ रही इस परंपरा में आज के दिन विशेष रुप से असंख्य भक्त शिव कआराधना Shiv Aradhnaमें लीन रहते हैं व इस दिन असंख्य भक्त भगवान शिव की आराधना कर उन्हें प्रसाद रूप में धतूरा व बेलपत्र इत्यादि समर्पित करते हैं। धतूरा व बेलपत्र भगवान शिव को बेहद प्रिय है। आज के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का भी विशेष महत्व माना जाता है।
बताते चलें कि धरती पर शिवलिंग को साक्षात शिव का स्वरूप माना जाता है। इसी मान्यता के अनुसार असंख्य भक्त भगवान शिव के लिंग पर जलाभिषेक करते हैं उनकी पूजा करते हैं। प्राचीन ग्रंथों में व पुराणों में मान्यता है की भगवान शिव में यह सारी सृष्टि समाई है। संपूर्ण सृष्टि में महादेव का वास है।
सच्चे दिल से Shiv Aradhna कर भक्त विशेष लाभ भी प्राप्त करते हैं। लेकिन शिव आराधना से पहले भगवान गणेश की पूजा करना भी अनिवार्य है। अपने किसी भी शुभ कार्य हेतु या फिर किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले भी भगवान गणेश की स्तुति की जाती है।
शिव आराधना करते समय अभिषेक जल या गंगाजल से होता है एवं विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दूध, दही, घी, शहद, चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल, आदि कई सामग्रियों से महादेव के अभिषेक की विधि भी अत्यंत प्रचिलत है।
शिव आराधना करते हुए शिव महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें। इस मंत्र से मन शुद्ध होता है व सकारात्मक ऊर्जा का विशेष प्रभाव आपके मन मस्तिष्क पर पड़ता है। ……… आइए जाने कैसे करें शिव आराधना।
शिव आराधना Shiv Aradhna की विधि
शिव Shiv Aradhna करने के लिए सबसे पहले गणेश वंदना करना विशेष रूप से अनिवार्य है। Shiv Aradhna से पहले गणेश वंदना का विशेष महत्व माना जाता है। वह महादेव की पूजा करने से पहले भगवान गणेश की पूजा अवश्य की जाती है।
शिव आराधना करने के लिए आप सबसे पहले शुद्ध तांबे के पात्र में जल लेकर भगवान गणेश का जल से अभिषेक करें। तत्पश्चात आप जल की पतली धार बनाते हुए शिवलिंग पर जल अभिषेक करें। इसके पश्चात आप कुमकुम रोली या चंदन से उन्हें तिलक करें ।
इन सभी कार्यों के पश्चात आप भगवान शिव को बेल पत्र, धतूरा इत्यादि समर्पित करें। आंख बंद करके महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इस विधि से शिव आराधना करने पर आपको विशेष लाभ प्राप्त होग। भगवान शिव की असीम कृपा आप पर सदैव बनी रहेगी।
महा मृत्युंजय मंत्र : ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।