लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की उपेक्षा के खिलाफ शिक्षामित्र 31 मई को धरना देंगे। अपने मांगों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए शिक्षामित्र उपवास रखकर अपने घरों में ही बैठकर धरना देंगे।
उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि, पंचायत चुनाव के दौरान संक्रमित होकर कोरोना से जान गंवाने वाले शिक्षामित्रों को सोशल मीडिया के माध्यम से संवेदना व्यक्त करते हुए अपनी श्रद्धांजलि भी देंगे।
‘हाई प्रोफाइल कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करें’
साथ ही सरकार को अपना वादा याद दिलाते हुए स्थाई समाधान की मांग को लेकर उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में बनाई गई हाई प्रोफाइल कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और उसे लागू करने की मांग करेंगे।
इसके अलावा जून माह का भी मानदेय भुगतान करने व पंचायत चुनाव में अपनी जान गवां चुके 200 से अधिक शिक्षामित्रों की कोरोना संक्रमण से हुई मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए सभी शाहिद शिक्षामित्रों के आश्रित परिवार को एक करोड़ रुपये आर्थिक सहायता, परिवार से एक सदस्य को नौकरी देने की मांग भी करेंगे।
सोशल मीडिया के माध्यम से प्रेषित करेंगे ज्ञापन
प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि, हम घर पर रहते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से अपना विरोध दर्ज कराएंगे और सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करेंगे। उन्होंने कहा कि 25 जुलाई, 2017 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय से समायोजन निरस्त होने के बाद से प्रदेश में अब तक अवसाद एवं आर्थिक तंगी के कारण दो हजार से ज्यादा शिक्षामित्रों की जान जा चुकी है, लेकिन सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार की मदद नहीं की गई है।
एस्मा लगाकर तानाशाही अपना रही सरकार
जबकि संविधान के अनुसार चुनी हुई सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि उनकी रोजी रोटी की व्यवस्था करें। सरकार लगाकर लोकतंत्र का गला जरूर घोंट सकती है, लेकिन किसी को अपने अधिकारों से वंचित नहीं कर सकती है। लोकतंत्र में संवैधानिक तरीके से अपनी मांग रखने का अधिकार हर किसी को पदत्त है। इसे हमसे कोई नहीं छीन सकता। सरकार एस्मा लगाकर तानाशाही अपना रही है। इस तरह से सरकार किसी की आवाज को नहीं दबा सकती, कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों का हनन है।
उन्होंने कहा कि, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बनारस में शिक्षामित्रों से वादा किए थे कि जल्द समाधान करेंगे, परंतु आज तक शिक्षामित्रों के लिए कुछ नहीं किए। प्रदेश के शिक्षामित्र प्रधानमंत्री जी व मुख्यमंत्री जी तरफ आशा भरी नजरों से अभी तक देख रहे हैं कि वे हमारे भविष्य को उज्ज्वल जरूर बनाएंगे।