इंदौर। 6 साल पुराने हाई प्रोफाइल शहला मसूद हत्याकांड पर सीबीआई की विशेष अदालत ने आज फैसला सुना दिया है…फैसला ये कि पूरे मामले की मास्टरमाइंड जाहिरा परवेज समेत 4 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है जबकि सरकारी गवाह बने आरोपी को माफी दे दी है।
सीबीआई न्यायाधीश बीके पालोदा ने भोपाल आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के करीब साढ़े पांच साल पुराने मामले में जाहिदा के साथ उसकी सहेली सबा फारकी, मारने वालों को इंतजाम करने वाले शाकिब अली उर्फ डेंजर और भाड़े के कातिल ताबिश को हत्या, आपराधिक साजिश और अन्य संबंधित धाराओं के तहत दोषी करार दिया है।
लेकिन इस मामले एक आरोपी के सरकारी गवाह बनने के चलते कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए माफ कर दिया। कोर्ट ने ये फैसला सुनाते हुए कहा कि गवाह ने सारे बयान सभी दर्ज कराए है। इस सरकारी गवाह का नाम इरफान है जो कि कानपुर का रहने वाला है जिसके ऊपर लालच में आकर शहला हत्याकांड में शामिल होने का आरोप था।
बता दें कि शहला मसूद एक सोशल एक्टिवसिट थी जिन्हें 16 अगस्त 2011 को भोपाल के कोहेफिजा स्थित उनके घर के बाहर उस समय गोली मार दी गई थी जब वो अन्ना के आंदोलन में शामिल होने जा रही थी। हत्या के बाद ऐसे कहा जा रहा था कि इसके पीछे प्रेम का ट्राइंगिल था शहला के किसी पूर्व विधायक से काफी नजदीकियां थी। इन 6 सालों तक इस केस में 137 तारीखों की सुनवाई में 83 गवाह पेश किए गए।