नई दिल्ली। देश में जहां अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर रामजस कॉलेज का मुद्दा तूल पकड़ता दिख रहा है वहीं दूसरी तरफ भाजपा की नेता शाजिया इल्मी ने आरोप लगाया है कि जामिया विश्वविद्यालय में उन्हें लेक्चर देने से यह कहकर रोका गया कि उनके यहां से बोलने से माहौल खराब होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कार्यक्रम के आयोजक मुझे बुलाना चाह रहे थे लेकिन दबाव के चलते मुझे नहीं बुलाया गया।
शाजिया ने कहा है कि पितृसत्तात्मक एक मानसिकता है और इसी मानसिकता की लड़ाई का नाम नारीवाद है। सूत्रां से प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक 16 फरवरी को शाजिया जामिया में आयोजित कार्यक्रम में तीन तलाक के मुद्दे पर बोलने वाली थीं लेकिन कार्यक्रम के ऐन वक्त से पहले उनका नाम हटा लिया गया था।