चेन्नई। अम्मा के निधन के बाद से तमिलनाडु की सियासत में कुर्सी की जंग जारी है और एआईएडीएमके अब पूरी तरह से दो गुटों में बंट चुके हैं। एक ओर जहां पार्टी महासचिव शशिकला सत्ता को अपने हक में करना चाहती है तो वहीं कार्यवाहक मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम भी सत्ता का मोह छोड़ते नहीं बन रहा।
तमिलनाडु की सियासत के सीमकरण पर गौर करे तो कुछ दिन पहले शशिकला की तरफ ज्यादा सांसद जुटते दिखाई दे रहे थे लेकिन खबरों की मानें तो अब शशिकला की अपेक्षा पन्नीरसेल्वम का समर्थन उन पर भारी पड़ता नजर आ रहा है जिससे सामने शशिकला के दावे का गणित बिगड़ता नजर आ रहा है।
दरअसल 235 सदस्यीय तमिलनाडु विधानसभा में सत्ता पर काबिज होने के विए 118 का जादुई आकड़ा छूना जरुरी है लेकिन अम्मा के निधन के बाद फिलहाल अन्नाद्रमुक के खेमे में केवल 134 विधायक है जिनमें से 6 विधायक अब पन्नीरसेल्वम के खेमे में आ चुके है। यानि कि शशिकला के खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों की संख्या अब पन्नीरसेल्वम सहित 7 हो गई है। और अगर 11 और विधायक पन्नीरसेल्वम की तरफ आ गए तो शशिकला के समर्थकों की संख्या घटकर 116 रह जाएगी। यानि कि पन्नीरसेल्वम आकड़े से कुछ ही कदम दूर।
खबरों की मानें तो सरकार बनाने की होड़ में जुटी शशिकला ने रविवार को कुछ विधायकों से मिलने के लिए कुवाथुक के गोल्डन बे रिसॉर्ट पहुंची और विधायकों से बातचीत की। इस मीटिंग के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था जहां पर बात करते-करते शशिकला भावुक हो गई और उनके आंसू छलक उठे। उन्होंने विधायकों से कहा कि आपके सामने सच आ जाएगा हमें साथ में खड़े रहना है और बुरी कोशिशों को सामना करना है। तो वहीं पन्नीरसेल्वम ने शशिकला पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मगरमच्छ के आंसू बहाने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है।