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शरजील इमाम की मुश्किलें बढ़ी, तीन दिन के लिए बढ़ी पुलिस रिमांड

शरजील इमाम शरजील इमाम की मुश्किलें बढ़ी, तीन दिन के लिए बढ़ी पुलिस रिमांड

नई दिल्ली। शरजील इमाम की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। इस जेएनयू स्टूडेंट की रिमांड तीन दिन के लिए बढ़ा दी गई है। पिछले पांच दिन के दौरान हुई पूछताछ में वह लगातार क्राइम ब्रांच के जांच अधिकारियों को बरगला रहा है। तफ्तीश में सामने आया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े लोग शरजील के टच में थे। लेकिन उसका दावा है कि उसे पता ही नहीं कि इन लोगों के रिश्ते पीएफआई से हैं।

क्राइम ब्रांच ने तीन दिन की रिमांड दौरान उसके करीबी 10-12 लोगों को नोटिस देकर जांच में शामिल होने को कहा जाएगा। इन सभी से बुधवार को पूछताछ हो सकती है। केंद्रीय जांच एजेंसियों की तफ्तीश में भीड़ को भड़काने और हिंसा फैलाने के लिए पीएफआई के देश भर में खुले 73 बैंक खाते में 120 करोड़ रुपये की रकम जमा होने की बात सामने आई है। इसलिए सीएए और एनआरसी के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान हिंसा फैलाने में पीएफआई का भी हाथ बताया जा रहा है।

इसका ऑफिस शाहीन बाग में है। यूपी पुलिस ने कई जिलों में धरपकड़ अभियान चलाकर कई आरोपियों की गिरफ्तार कर लिया है। इसलिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच अपनी जांच में पीएफआई के एंगल की बारीकी से जांच कर रही है। पुलिस को शरजील के बैंक खातों में फिलहाल कोई भी संदिग्ध ट्रांजैक्शन नहीं मिली है। क्राइम ब्रांच ने दावा किया है कि शरजील के जब्त लैपटॉप, डेस्कटॉप, मोबाइल, किताबों और पैंफ्लेट से चौंका देने वाले सबूत मिले हैं।

उसके लैपटॉप से 15 दिसंबर को जामिया और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी एरिया में हुए उपद्रव से पहले सीएए और एनआरसी के खिलाफ उर्दू और अंग्रेजी में एक विवादित पोस्टर बनाया गया था, जिसे सभी स्टूडेंट ग्रुप में डाला गया था। इसे पैंफ्लेट के रूप में आसपास के मस्जिदों में भी बांटा गया गया था। मोबाइल के सभी ग्रुपों को खंगाल रहा है और उनकी चैटिंग पढ़ी जा रही है। पुलिस का दावा है कि मोबाइल से डिलीट किए गए डेटा भी रिकवर कर लिए गए हैं।

जानकारी के मुताबिक, शरजील इमाम को जामिया मामले में भी गिरफ्तार किया जा सकता है। जांच के दौरान पुलिस को शरजील के लैपटॉप से कई ऐसे सबूत मिले हैं जो यह दर्शाता है कि वह सीएए के खिलाफ जारी प्रदर्शन के लिए लोगों को उकसा रहा था। उसके लैपटॉप से कई पैंफ्लेट बरामद हुए हैं, जिसमें सीएए और एनआरसी को लेकर गलत जानकारी फैलाई जा रही है। उसने जामिया इलाके में 14 दिसंबर को पर्चे बांटे थे, जिसके बाद 15 दिसंबर को उस इलाके में हिंसा की घटना हुई थी। उसके वॉट्सएप ग्रुप से भी कई संदिग्ध लोगों की पहचान की गई है।

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