देश की आजादी के बाद पृथक राज्यों की मांग राजनीति में एक अहम मुद्दा रही है। इसके लिए कई समाजसेवी संगठन और राजमीतिक पार्टियों ने बड़े- बड़े आंदोलन और धरना प्रदर्शन भी किए जिसके बाद कई पृथक राज्यों का उदय भी हुआ। ऐसी ही एक अलख बुंदेलखंड, गोरखालैंड, और पूर्वांचल राज्य की मांग को लेकर पिछले करीब एक दशक से काफी जोर पकड़ रही है।
गौरतलब है कि बुंदेलखंड को अलग बनाने के की मांग को लेकर समाजसेवी प्रमोद आजाद के नेतृत्व वाले संगठन ”बुंदेलखंड आजाद सेना” और ‘‘नारी इंसाफ सेना” ने 2019 लोक सभा चुनाव के पहले विशाल आंदोलन करने की रणनीति तैयार की है। इसी को लेकर बुंदेलखंड आजाद सेना के अध्यक्ष प्रमोद आजाद ने पूर्व पूर्व केंद्रीय मंत्री और ‘लोकतांत्रिक जनता दल’ के अध्यक्ष शरद यादव से मुलाकात की है। शरद यादव ने बुंदेलखंड को पृथक राज्य बनाने की मांग का समर्थन करने का वादा करते हुए कहा कि वह राज्य को अलग करने के लिए आंदोलन में शामिल होंगे। मालूम हो कि ”बुंदेलखंड आजाद सेना’ काफी समय से इस मांग को उठा रही है।
आपको बता दें कि छोटे पृथक राज्यों के गठन को लेकर देश में आजादी के समय से ही आंदोलन का दौर शुरू है। राज्यों के बंटवारे की मांग का आधार कहीं भाषावाद तो कहीं भौगोलिक एवं सांस्कृतिक विरासत, कहीं आर्थिक और राजनीतिक पिछड़ापन रहा है। अलग राज्यों की मांग के बड़े-बड़े आंदोलनों के फलस्वरूप कई राज्य, मसलन तेलंगाना इसके पहले कई दशक चले आंदोलनो के बाद झारखंड, उत्तराखंड और छत्तीसगढं जैसे छोटे राज्यों की स्थापना हुई थी।
इसे भी पढ़ेंःसरकार बनने के बाद योगी का पहला बुंदेलखंड दौरा जानिएं क्या है शिड्यूल?
पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर लोकसभा चुनाव 2014 में झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने पृथक बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। उन्होंने जनता से वादा किया था कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के 3 साल के के अंदर बुंदेलखंड राज्य बनाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान झांसी में एक सभा में गृहमंत्री, राजनाथ सिंह और परीएम नरेंद्र मोदी ने भी उमा भारती के वादे का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी की सरकार बनने के तीन साल बाद बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाया जाएगा। लोकिन उक्त नेताओं का वादा महज वादा ही रहा और जनता आज भी जस की तस बदहाल स्थिति में हैं।
राजधानी लखनऊ- भोपाल से कोसों दूर बुंदेलखंड की जनता विकास की राह देखते हुए पृथक छोटे राज्य का निर्माण की लगातार सरकार से मांग कर रही है। राज्य अलग होने पर विकास की आपार संभावनाएं हैं। वहां के जनप्रतिनिधियों का मानना है कि उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की राजधानी क्रमशाः लखनऊ- भोपाल के दूर होने के कारण सरकार का ध्यान अपेक्षाकृत यहां के विकास और मूलभूत सुविधाओं पर नहीं होता है।इसलिए अलग राज्य बनने पर बुंदेलखंड का विकास होगा और खुशहाली आएगी।
एमपी और यूपी के बुंदेलखंड के जिले
बता दें कि मांग कर्ताओं द्वारा प्रस्तावित बुंदेलखंड राज्य के नक्शे में उत्तर प्रदेश के जिले-महोबा, हमीरपुर,चित्रकूट, बांदा, जालौन, झांसी, ललितपुर, और मध्य प्रदेश के जिले- छतरपुर,पन्ना, दमोह, सागर, टीकमगढ, दतिया को मिलाकर 13 कुल 13 जनपद हैं।