पटना। जेडीयू के चुनाव चिन्ह तीर के अधिकार को लेकर शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच जारी लड़ाई को नीतीश कुमार ने जीत लिया है। चुनाव आयोग का फैसला नीतीश कुमार के पक्ष में आने के बाद शरद यादव ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि हमारे पास पार्टी सिंबल की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि हम गुजरात का चुनाव ऑटो रिक्शा को चुनाव चिन्हा बनाकर लडेंगे। शरद ने कहा कि पार्टी सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस से बात कर रही है। उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले को लेकर कहा कि असली लड़ाई जनता के बीच जाकर होगी। उन्होंने कहा कि आयोग का फैसला तर्कसंगत नहीं है और अब हम इस फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।
शरद यादव के सहयोगी नेता अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि हम चुनाव आयोग के पार्टी सिंबल नीतीश गुट को दिए जाने के फैसले से संतुष्ट नहीं है। श्रीवास्तव ने कहा कि लगता है कि आयोग ने किसी के दबाव में आकर पार्टी के चुनाव चिन्ह को नीतीश गुट को सौंप दिया है। हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। शरद गुट का पक्ष रख रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि नीतीश कुमार इस फैसले से खुश हो ले, लेकिन वो भविष्य नहीं जानते क्योंकि फैसला बदल भी सकता है।
सिब्बल ने कहा कि भले ही चुनाव आयोग ने जिस तरह भी ये फैसला दिया हो, लेकिन हम अब इस फैसले के खिलाफ दिल्ली हाइकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। बता दें कि शुक्रवार को जदयू के पार्टी सिंबल तीर पर बड़ा फैसला देते हुए चुनाव आयोग ने उसपर नीतीश गुट की दावेदारी को सही ठहराया था। अब इसके खिलाफ शरद गुट ने चुनाव आयोग के फैसले पर आपत्ति जताई है और फैसले के खिलाफ दिल्ली हाइकोर्ट जाने का फैसला लिया है। नीतीश कुमार ने चुनाव आयोग के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा था कि ये सच्चाई की जीत है।