पटना। एक ही रात में बिहार की राजनीति का नक्शा ही बदल गया। गठबंधन टूटा और सत्ता भी नहीं बदली पार्टी भी वही सीएम भी वही बस गठबंधन के हाथ बदल गए। इसी के चलते बिहार की राजनीति में कई तरह के मोड़ देखने को मिले पहले नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के करप्शन के मुद्दे पर इस्तीफा देते हुए गठबंधन तोड़ा तो बीजेपी ने उन्हें अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया। अब इस समर्थन और गठबंधन टूटने को लेकर खुद जेडीयू में बवाल मच गया है। जेडीयू के बड़े नेता और राज्यसभा सांसद अली अनवर और शरद यादव खुलकर विरोध में मुखर हो गए हैं।
बता दें कि पूर्व जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने इस पूरे घटनाक्रम पर मीडिया के सामने ही अपनी नाराजगी जाहिर की। शरद यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने सरकार बनाने का फैसला बहुत जल्दबाजी में लिया है। गठबंधन तोड़कर इतनी जल्दी बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने के फैसले का मैं समर्थन नहीं करता हूं। बता दें कि 2013 में बीजेपी से रिश्ता टूटने के बाद से ही शरद यादव बीजेपी पर खुलकर हमला करते आए हैं। मोदी जी जरा शरद यादव पर भी ध्यान दीजियेगा, पहले ये एक दो कौड़ी का मास्टर था, और आज़ हज़ारों करोड़ का मालिक है, दिल्ली की इसकी कोठी मे 32 एयर कनडिसन लगे हुए हैं।
वहीं, जेडीयू के राज्यसभा सांसद अली अनवर ने भी अंतरात्मा की आवाज दोहरा दी। जहां नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने अंतरात्मा की आवाज पर इस्तीफा दिया। वहीं, उनकी पार्टी के सांसद अली अनवर कह रहे हैं कि उनकी अंतरात्मा इस फैसले के साथ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी की जिन बातों से हमें परहेज था, बीजेपी अब उस तरफ और उग्रता के साथ बढ़ रही है। हालांकि, इस पूरे उठापटक के बीच नीतीश कुमार गुरुवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले लेंगे। जेडीयू में खींचतान की यह राजनीति गठबंधन पर क्या असर डालती है, इस पर सबकी निगाह जरूर रहेगी।