लखनऊ। 3 दिवसीय प्रबुद्ध सम्मेलन में प्रदेश की राजधानी आये भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर प्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार की विकास परक योजनाओं के साथ देश और प्रदेश में जनता के लिए किए जा रहे कार्यों का एख लेखा-जोखा पेश किया। इस दौरान पत्रकारों के सवालों का भी अमित शाह ने उत्तर दिया।

प्रेस वार्ता के दौरान जब पत्रकारों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से राम जन्म भूमि मुद्दे पर पार्टी की राय जाननी चाही तो अमित शाह ने कहा कि जब से विवादित ढांचा गिरा है तब से भाजपा के घोषणा पत्र में एक बात साफ आई कि हम कानून तरीके से राम मंदिर बनायेगे। हम राम मंदिर को लेकर साफ कर चुके हैं कि हम राममंदिर को कोर्ट के फैसले या फिर आपसी सहमति से राममंदिर बनायेंगे।
हम ताकत्यपूर्ण तरीके से हम राममंदिर नहीं बना सकते हम नहीं बनायेंगे। ये बात हमने साफ कही है कि हम नहीं बना सकते राममंदिर ये केवल आपसी सहमति या फिर कोर्ट के फैसले से ही बनेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से सवाल पूछा गया था कि 2014 से 2017 तक के चुनावी घोषणा पत्र भाजपा ने राममंदिर को रखा है। अब 2019 के चुनाव की तैयारी है तो क्या भाजपा फिर इसको मुद्दा बनायेगी या फिर अब प्रदेश से लेकर देश तक में भाजपा की सरकार है इस मुद्दे को हल करेंगे।
इस सवाल के जबाब में शाह ने साफ कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद या फिर आपसी सहमति से होगा राममंदिर का निर्माण हम किसी भी ताकत्यपूर्ण तरीके से मंदिर का निर्माण नहीं कर सकते हैं।