जम्मू कश्मीर में आईएएस एक्जाम में टॉप करने वाले शाह फैसल ने जिस तरह से नौकरी छोड़कर राजनीति को चुना था। उसने सबको चौंका दिया था। लेकिन अब खबर आ रही है कि, शाह फैसल ने राजनीति से तौबा कर लिया है।फैसल ने आज जम्मू-कश्मीर में अपनी पार्टी जेएंडके पीपल्स मूवमेंट से इस्तीफा देकर संभावनाओं के बाजार में नई चर्चा शुरू कर दी है। शाह फैसल के फिर से नौकरशाही में लौटने अटकलें लगाई जा रही हैं, हालांकि इसकी खबरें ज्यादा पुष्ट हैं कि वह उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के अडवाइजर बन सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर में मनोज सिन्हा का उप राज्यपाल बनना सामान्य घटना नहीं है। मनोज सिन्हा के उप राज्यपाल बनने के साथ ही प्रदेश में बड़े फैसलों पर पर्दे के पीछे भूमिका बनाई जाने लगी है। कहा जा रहा है कि अब तक आईएएस अफसरों की सलाहकार समिति के साथ काम करने वाले लेफ्टिनेंट गवर्नर के लिए अब केंद्र एक नए प्रयोग की पटकथा लिख रहा है। जो संभावित विकल्प नजर आ रहे हैं, उसमें सबसे प्रमुख उप राज्यपाल के लिए राजनीतिक समिति बनाने का है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियों की बहाली के लिए गवर्नर के साथ एक राजनीतिक सलाहकार समिति बनाने की योजना पर काम कर रही है।
बताया जा रहा है कि राज्य में राजनीतिक गतिविधियों को परोक्ष रूप से संचालित करने और प्रदेश में लोगों के मन में विश्वास बहाली के लिए जनता के बीच के प्रतिनिधियों को गवर्नर के साथ सलाहकार समिति के रूप में रखने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा राज्य के कुछ ऐसे अफसरों की लिस्ट भी तैयार कराई जा रही है, जिनकी पब्लिक के बीच में छवि अच्छी कही जाती रही हो। शाह फैसल का नाम इन अफसरों की सूची में भी है। इसके अलावा पूर्व में राज्यपाल सत्यपाल मलिक के अडवाइजर रहे बशीर अहमद खान समेत कुछ अन्य अफसरों के नाम पर भी चर्चा की जा रही है।
ऐसे में अगर शाह फैसल वाकई में अंगर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार बनते हैं तो जम्मू कश्मीर काफी बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।