नई दिल्ली। बाॅलीवुड में अपनी अलग पहचान और ओहदे के कारण जाने जाने वाले जावेद अख्तर का आज हर कोई लोहा मानता है और वो किसी तरह के परिचय के मोहताज नहीं हैं एक गीतकार, लेखक, गीतकार के रूप में आज वे इंडस्ट्री के सबसे नामी लोगों की लिस्ट में शुमार हैं। बाॅलीवुड में अपनी मेहनत के बल पर जावेद ने हिंदी फिल्म जगत में ही हाॅलीवुड में भी हर कोई जानता है। उनका शानदार, चमचमाता करियर और शब्दों की जादूगरी के कारण जावेद अख्तर बॉलीवुड में सबसे अलग माने जाते हैं।
निजी जिंदगी के अनदेखे रंग
जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में हुआ था। उनका पूरा नाम जावेद जानिसार अख्तर है। इतना सब होने के बावजूद भी जावेद का बचपन कई मुश्किल दौरों से गुजर। छोटी सी उम्र में ही उनके सर से मां का साया हट गया उसके बाद वो अपनी नानी के यहां जाकर पढ़ाई करने लगे। उसी दौरान जावेद के पिता ने दूसरी शादी कर ली और उन्हें कुछ दिन भोपाल में अपनी सौतेली माँ के घर रहने के बाद भोपाल शहर में उनका जीवन दोस्तों के भरोसे हो गया। इसके बाद उन्होंने मुंबई का रूख किया।
जावेद के परिवार में उर्दु का अलग ही महत्व है उनके खून में ही शायरी और उर्दु बसा हुआ है। जावेद अख्तर और हनी ईरानी की मुलाकात सीता और गीता के सेट पर हुई थी और दोनों ने कुछ समय के बाद शादी कर ली। इसके बाद ये रिश्ता काफी समय तक नहीं चल पाया। जावेद अख्तर जब कैफी आजमी को असिस्ट करते थे और वहीं उनकी मुलाकात शबाना आजमी से हुई और दोनों को एक दूसरे का साथ पसंद आने लगा। धीरे-धीरे दोनों के बीच करीबी बढ़ी और दोनों ने 1984 में शादी कर ली।