उत्तर प्रदेश में बेहतर पुलिसिंग को ध्यान में रखते हुए 7 एडीजी के तबादले आधी रात में किए गए हैं। जिनमें दो आईपीएस अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाकर प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों में उन्हें जिम्मेदारी दी गई है। इसके अतिरिक्त अन्य आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं।
एडीजी के तबादलों का सम्पूर्ण विवरण-
उत्तर प्रदेश में आईपीएस अधिकारियों के बड़े तबादले किए गए हैं। जिनमें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे अखिल कुमार और भानु भास्कर को उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों में जिम्मेदारी दी गई है। अखिल कुमार को अपर पुलिस महानिदेशक गोरखपुर जोन बनाया गया है तो वहीं भानु भास्कर को अपर पुलिस महानिदेशक कानपुर जोन की जिम्मेदारी दी गई है। आईपीएस अखिल कुमार को सीएम के गृह जनपद में भेजे जाने के बाद उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण भी होगा और आगे की राह भी यहीं से तय होगी।
इन सबके अतिरिक्त आईपीएस राजीव कृष्ण जबरदस्त वापसी की है। अब अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन की जिम्मेदारी दी गई। इसके पहले वे अपर पुलिस महानिदेशक डॉ भीमराव अंबेडकर पुलिस अकादमी मुरादाबाद में तैनात थे।आधी रात के हुए तबादले में आखिरकार उन अधिकारियों को भी शंट किया गया। जो कि कानपुर में हुई बड़ी घटनाओं के लिए जिम्मेदार थे।
इनमें आईपीएस जय नारायण सिंह कानपुर जोन से विदा किए गए। इनके कार्यकाल के दौरान बिकरु कांड , संजीव यादव अपरहण जैसे मामले सामने आए थे। कई महीनों से इन पर बड़ी कार्यवाही लंबित थी| जिसके बाद आधी रात हुए तबादलों में आईपीएस जय नारायण सिंह शंट किये और अब उन्हें अपर पुलिस महानिदेशक पीटीसी मुरादाबाद में तैनाती दी गई।
बेहद मजबूत माने जाने वाले आईपीएस अजय आनंद हाथरस और कासगंज कांड के बाद पहले से तय स्थान पीएसी लाये गये,आईपीएस दावा शेरपा को अपर पुलिस महानिदेशक सीबीसीआईडी लखनऊ भेजा गया। इससे पहले वे अपर पुलिस महानिदेशक गोरखपुर जोन पर तैनात थे। पीएसी में दो साल से ज्यादा वक्त से तैनात, दो चार्ज सम्भाल रहे बीके सिंह को सुरक्षा मुख्यालय का जिम्मा दिया गया।
हालांकि आईपीएस अधिकारियों एडीजी स्तर के तबादले किए गए हैं। लेकिन इन सबके अतिरिक्त प्रदेश भर में एडीजी की संख्या ज्यादा है। पदों की संख्या बेहद कम है। आगरा, बनारस रेंज में एडीजी तैनात है।हेड क्वार्टर में भी कई एडीजी है| इसकी वजह से शासन को एडजस्टमेंट में भारी समस्या भी झेलनी पड़ रही।