पटना। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बिहार में एक सभा को संबोथित करते हुए कहा कि सेवा ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और नर सेवा ही नारायण की सेवा है। उन्होंने कहा कि सेवा के बदौलत ही समाज और देश का भला हो सकता है और मन की संवेदना और स्वयं की प्रेरण से शुरू होने वाले सेवा कार्य का उत्तरोत्तर विकास होता है जो मन से लगता है प्रयास से लगता है। उन्होंने विकलांग मुक्त बिहार के अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि बहुत बड़ी पूंजी वालों द्वारा शुरू किये गये सेवा कार्य और स्वयंसेवक के संकल्प से शुरू होने वाले सेवा कार्य में बहुत अंतर होता है।

भागवत ने कहा कि काम करने वाले भी कई प्रकार के होते हैं, कुछ जैसे-तैसे काम को करते हैं और वहीं कुछ नि:स्वार्थ एवं अपनापन के भाव के साथ सेवा कार्य करने वाले उत्कृष्टता के साथ समझौता नहीं करते क्योंकि उन्हें कीर्ति की अपेक्षा नहीं होती है। समारोह में डाॅ बिंदेश्वर पाठक, हड्डी रोग विशेषज्ञ डाॅ एसएस झा और शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ शाह अद्वैत कृष्ण को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डाॅ बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि अपने परिवार से प्राप्त संस्कार हमें सेवा व सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाने के रास्ते पर ले जाता है।
समारोह में आये अतिथियों का स्वागत न्यास के अध्यक्ष देशबंधु गुप्ता ने किया और कार्यक्रम का संचालन महासचिव बिमल जैन ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विवेक माथुर ने किया। इस अवसर पर संघ के क्षेत्र संचालक सिद्धिनाथ सिंह, सहसरकार्यवाह, दत्तात्रेय होसबाले, अभिजित कश्यप, अमर कसेरा, संजय ड्रोलिया, रेखा कसेरा, निधि माथुर भी उपस्थित थेै।