टेरर फंडिंग मामले में इन दिनों एनआईए लगातार हुर्रियत नेताओं पर अपना शिकंजा कसने में लगी हुई है। हुर्रितय नेता सैयद अली शाह गिलानी समेत उनके बेटों पर भी एनआईए की मार पर पड़ रही है। लेकिन कभी भी भारत की भलाई की बात ना करने वाले सैयद अली शाह गिलानी ने अब अपना रुख बदल लिया है और अब वह भारत की प्रगति की बात कर रहे हैं।
गिलानी के बेटों और दामाद से एनआईए की पूछताछ के बाद गिलानी का यह बयान सामने आया है। गिलानी ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे का हल दोनों देशों के बीच बातचीत कर निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा है कि कश्मीर दो देशों का एक अधूरा हिस्सा है। गिलानी को यह बयान वीडियो के रूप में सामने आया है जोकि सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब सुर्खियां बटौर रहा है। गिलानी के अनुसार कश्मीर के लोगों को उनके अधिकार और स्वतंत्रता देने का वादा पूरा करना चाहिए।
हालांकि गिलानी ने पहले जो कहा था और अब जो कहा है, वह एक दूसरे से बिल्कुल अलग है। माना जा रहा है कि गिलानी अब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की राह अपना रहे हैं। दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री ने साल 2003 में कहा था कि कश्मीरियत, इंसानियत और जम्हूरियत के जरिए कश्मीर का विवाद सुलझाया जा सकता है। उसी तरह के बयान अब गिलानी की तरफ से सुनने के लिए मिल रहे हैं। माना जा रहा है कि गिलानी को एनआईए का डर सताने लग गया है। एनआईए लगातार टेरर फंडिंग मामले में हुर्रियत नेताओं पर अपनी पकड़ बना रही है। एनआईए के कारण छोटे-बड़े हुर्रियत नेताओं पर अब खतरे के बादल मंडराने लग गए हैं।