देहरादून। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अधीनस्थ भारतीय पेटेंट कार्यालय अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट आवेदनों को दाखिल करने पर आज एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित कर रहा है। यह संगोष्ठी विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (विपो), एसोचैम, भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आईपीआर संवर्धन एवं प्रबंधन प्रकोष्ठ (सीपम) और उत्तराखंड सरकार के सहयोग से आयोजित की जा रही है।
इच्छुक उपयोगकर्ताओं (यूजर), हितधारकों, आवेदकों, अन्वेष्कों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) संगठनों तथा अन्य वैज्ञानिक संगठनों के सदस्यों को इस संगोष्ठी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। स्विट्जरलैंड के जिनेवा स्थित विपो के सहायक महानिदेशक एवं चीफ ऑफ स्टाफ नरेश नंदन प्रसाद और पेटेंट, डिजाइन एवं ट्रेडमार्क महानियंत्रक ओ.पी.गुप्ता इस एक दिवसीय संगोष्ठी के दौरान उपस्थित रहेंगे।
यह ‘रचनात्मक भारत: अभिनव भारत’ की दिशा में भारत सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा है। इसके साथ ही यह टियर-2 शहरों में रहने वाले अन्वेषकों तक पहुंचने और पेटेंट सहयोग संधि (पीसीटी) के जरिये देश-विदेश में बौद्धिक संपदा (आईपी) एवं नवाचारों के संरक्षण के उद्देश्य से सृजनकर्ताओं एवं अन्वेषकों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का एक हिस्सा है।
पेटेंट सहयोग संधि (पीसीटी) से आवेदकों को अपने अविष्कारों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट संरक्षण प्राप्त करने में मदद मिलती है और इसके साथ ही इससे आम जनता को इन आविष्कारों से संबंधित तकनीकी सूचनाओं तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करने में सुविधा होती है। विपो एवं आईपी कार्यालयों के विशेषज्ञ पीसीटी प्रणाली और आवेदकों, पेटेंट कार्यालयों तथा आम जनता के लिए इसके फायदों पर एक अवलोकन पेश करेंगे। इन संगोष्ठियों से भारतीय उपयोगकर्ताओं को अपने-अपने एकाउंट बनाने और ई-पीसीटी सिस्टम तथा ऐसे अन्य पेटेंट उपकरणों तक पहुंच सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी जिनकी मदद से उपयोगकर्ताओं (यूजर) को अपने अंतर्राष्ट्रीय आवेदनों को ऑनलाइन दाखिल करने के साथ-साथ उनका समुचित प्रबंधन करने में भी मदद मिलेगी।