नई दिल्ली। दिल्ली के जल संसाधन मंत्री कपिल मिश्रा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूतों को दबाने का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि आखिर इसके लिए उनका कांग्रेस के साथ किस प्रकार का ‘सौदा’ हुआ है। मिश्रा से सोमवार को वाटर टैंक घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) की पूछताछ से पहले कई ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, “मोदी जी हमने आपको शीला दीक्षित के खिलाफ सारे सबूत दिए थे। फिर आप उन्हें क्यों बचा रहे हैं? आपका कांग्रेस के साथ क्या सौदा हुआ है?”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “एसीबी और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) आपके नियंत्रण में हैं। यदि आपको हमारे खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत मिलते हैं तो हमें जेल में डाल दें, पर आप उन सबूतों को क्यों दबा रहे हैं, जो हमने आपको शीला दीक्षित के खिलाफ दिए हैं।”
मिश्रा ने लिखा, “मोदी जी आपने अपने सभी साधनों का इस्तेमाल हमारे खिलाफ किया है। सभी को अरविंद केजरीवाल के पीछे लगा दिया है। मैं तो बस बलि का बकरा हूं। लेकिन ईश्वर हमारे साथ हैं।”
आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने 2012 में शीला के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा 385 स्टेनलेस स्टील के पानी के टैंकरों को खरीदने में कथित अनियमितताओं की जांच को लेकर एक पांच सदस्यीय समिति का गठन जून 2015 में किया था।
समिति ने अगस्त 2015 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रिपोर्ट दी, जिसमें वाटर टैंकर की खरीद के लिए निविदाएं जारी करने की प्रक्रिया में 400 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई।
समिति ने शीला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और इसकी जांच सीबीआई तथा एससीबी द्वारा किए जाने की अनुशंसा की।
एसीबी ने वाटर टैंक घोटाले में 20 जून को शीला के साथ-साथ केजरीवाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया।
केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर दर्ज किया गया था। उन्होंने इस मामले की जांच में देरी और वाटर टैंकर का ठेका रद्द नहीं करने को लेकर केजरीवाल के खिलाफ शिकायत की थी।
(आईएएनएस)