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आम बजट और… आपकी उम्मीदें

गलूाी 1 आम बजट और... आपकी उम्मीदें

नई दिल्ली। पिछले काफी समय से बजट को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल का माहौल बना हुआ है। 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में एक बार फिर आम जनता की जेब पर सर्विस टैक्स का बोझ बढ़ेगा या इस बार उनकी परेशानी थोड़ी कम होगी। देखने होगा कि ऐसे हालातों में सरकार की तरफ से कुछ राहत भरे फैसले सामने आएंगे या नहीं। वैसे आम बजट पेश होने के पहले कयास लगाए जा रहे हैं कि सर्विस टैक्स की दरों को 16 से 18 प्रतिशत का इजाफा किया जा सकता है। बता दें कि वर्तमान में आम जनता 15 प्रतिशत सर्विस टैक्स का भुगतान कर रही है।

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पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले इस बजट को पेश किया जा रहा है, ऐसे में हो सकता है कि सरकार की कोशिश रहे कि जनता को ज्यादा निराश न किया जाए। बता दें कि बजट के पहले ही विपक्ष ने सरकार पर वार करने शुरू कर दिए हैं।  8 नवंबर 2016 को सरकार की तरफ से नोटबंदी को लेकर किए गए एेलान के बाद सरकार का यह पहला बजट होगा, नोटबंदी के बाद कैश को लेकर देश की आम जनता को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ा था, ऐसे में लोगों को राहत देने के लिए सरकार बजट में कुछ छूट की घोषणा कर सकती है। प्रधानमंत्री मोदी के इस नोटबंदी के फैसले का प्रभाव लगभग हर क्षेत्र पर पड़ा चाहे वो बिजनेस सेक्टर हो या लघु-कुटीर उद्योग। आम नागरिक को इस बार के आम बजट से काफी उम्मीदें हैं आइए जानते हैं कि इस पर लोगों का क्या कहना है कि इस बार के बजट में कौन-सी चीजें उनके अनुसार होनी ही चाहिए-

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नेहा सिंह ( हाउस वाइफ ) का कहना है कि घर में रोजाना इस्तेमाल होने वाले सामान और सब्जियों के दामों में थोड़ी सी गिरावट आनी चाहिए। पिछले काफी समय से उनके घर का बजट गड़बडाया हुआ है। इसके लिए वो चाहती हैं कि इस बार के बजट में सरकार कोई ठोस कदम उठाए जिससे उन्हें घर चलाने में थोड़ी आसानी हो।

”महाराणा प्रताप ग्रुप आॅफ इंस्टिट्यूशन” में ”डायरेक्टर प्रिसिंपल” के पद पर काम कर रहे डाॅक्टर ”एम पी सिंह” ( इकोनाॅमिस्ट) का कहना है कि वर्तमान में जीडीपी 7% रहने की उम्मीदें हैं। नोटबंदी के बाद आर्थिक मंदी की स्थिति पैदा हुई है इसका प्रभाव प्रोडक्शन पर पड़ रहा है, मार्केट पर पड़ रहा है इससे जीडीपी रेट और भी घटेगा। अर्थव्यवस्था में जहां ग्रोथ रेट बढ़नी चाहिए उसमें ठहराव सा आ गया है। 

टैक्स स्लाट को बढ़ाए जाने के सवाल पर उनका कहना है कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार को टैक्स स्लाॅट 2.5 लाख से बढ़ाकर 4 लाख करना चाहिए जिससे इकोनाॅमी रेट बढ़ेगा, लोगों के पास कैश हैंडलिंग न होने से अर्थव्यवस्थआ दिन प्रति दिन कमजोर होती जाएगी।

एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए अगर सही फैसले नहीं लिए गए और किसानों की इनकम को नहीं बढ़ाया गया तो अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी क्योंकि हमारी इकोनाॅमी में 58.4 % लोग खेती से जुड़े हुए हैं। किसानों की स्थिति मजबूत करने से ही इकोनाॅमी की हालत को सुधारा जा सकता है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि नोटबंदी से लोगों को काफी परेशानी हुई है, सरकार ने बिना पूर्ण व्यवस्था के ये निर्णय लिया है जिससे जनता काफी समय तक कैश की समस्या से जूझती रही। जनता को भी इस सरकार से अब ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं। केवल वहीं लोग बजट से उम्मीद लगाए बैठे हैं जिनकी इनकम अच्छी है नहीं तो गरीब नागरिक अब इस सरकार से निराश ही हो गया है। जो लोग छोटं-छोटे काम और उद्योगों पर आश्रित थे वो बेरोजगार हो गए क्योंकि लोगों के पास बाजार में आने के लिए पैसे ही नहीं रह गए। ये पूछे जाने पर कि उनकी बजट को लेकर क्या उम्मीदें हैं पर उनका कहना है कि टैक्स में छूट मिलनी चाहिए। लोगों के पास होगा तो मार्केंट में पर्चेजिग बढ़ेगी।

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