नई दिल्ली। करीब 70 साल में लोगों को पहली बार सोमवार को सबसे चमकीले चांद ‘सुपरमून’ का शानदार नजारा देखने को मिलेगा। इस घटना को देखने के लिए यहां नेहरू तारामंडल ने कुछ दूरबीन स्थापित किए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि साल 1948 के बाद होने वाली सबसे बड़ी खगोलीय घटना ‘सुपरमून’ को देखने की शुरुआत सोमवार रात आठ बजे होगी और इसे रात 10 बजे तक देखा जा सकेगा। इस घटना की पुनरावृत्ति मंगलवार रात भी इसी अवधि में होगी।
इसके बाद पृथ्वी के लोग इस तरह के ‘सुपरमून’ साल 2034 तक नहीं देख पाएंगे। पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की कक्षा थोड़ी गोलाई में है, जिसके कारण कभी-कभी यह नजदीक आ जाता है और कभी-कभी काफी दूर हो जाता है। जब पूर्णिमा की रात चांद पृथ्वी के नजदीक से गुजरता है तो इसे ‘सुपरमून’ कहा जाता है। नासा के अनुसार, पूर्णिमा की रात चांद का व्यास अधिक नजर आता है, क्योंकि इसकी रोशनी 30 प्रतिशत तक अधिक चमकीली होती है।