उत्तर प्रदेश में अपनी पहचान बिना बताएं बांग्लादेश की सीमा से भारत में प्रवेश कर रहे। रोहिंग्या आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं। बीते दिनों भी एटीएस के द्वारा ऐसे कई रोहिंग्या पकड़े गए। ये कई बड़ी घातक घटनाओं को अंजाम देने वाले थे। इसके बाद लगातार हर दिन खुलासे हो रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में के रोहिंग्या सीमा पार से आ करके अपनी जड़ें मजबूत कर चुके हैं।
एटीएस ने बीते दिनों दो लोगों को किया था गिरफ्तार
आतंकवादी निरोधक दस्ता ने बीते दिनों उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर अपने नेटवर्क बिछा रखा था। जिससे कि इन रोहिंग्या नेटवर्क के बारे में जानकारी मिल पाए। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश किस संत कबीर नगर से फरवरी में दो भाई हसन व शहीद को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। इन दोनों से मिली जानकारी के अनुसार रोहिंग्या को बांग्लादेश की सीमा से उत्तर प्रदेश में प्रवेश कराया जाता है। यही नहीं इनकी पहचान बदलने के साथ-साथ प्रदेश के जिलों में इनके काम करने की व्यवस्था भी की जा रही है। पूरा काम एक सिंडिकेट के द्वारा किया जाता है। इसके लिए सिंडिकेट को मोटा कमीशन दिया जाता है और यह सिंडिकेट उत्तर प्रदेश के जिलों में स्थापित करने का काम करते है। इसके अतिरिक्त रोहिंग्या अन्य देशों में हवाले के जरिए अपना पैसा भी भेजने के काम को अंजाम दे रहे हैं। एटीएस के द्वारा बीते दिनों फरवरी में गिरफ्तार किए गए हसन से मिली जानकारी के अनुसार हसन का उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी उसका खुद का नेटवर्क है, जहां पर वह बांग्लादेश से आने वाले रोगियों को फर्जी दस्तावेज का सहारा लेते हुए मोटे कमीशन पर उनसे रहने, खाने की व्यवस्था पहचान बदलने के साथ करता है। इसके बाद रोहिंग्या को लालच देकर उनसे देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए भी कहा जाता है। ऐसे में यूपी एटीएस करीब 1670 लोगों की खोज प्रदेश भर में कर रही है और उसको लेकर के कई तरह की प्लानिंग भी चल रही। जिससे कि इस पूरे सिंडिकेट का खात्मा किया जा सके।
अपने रिश्तेदारों को भी फर्जी पहचान पत्र दिला कर ला रहे भारत
यह रोहिंग्या उत्तर प्रदेश में शामिल हो जाने के बाद पहले तो खुद अपनी पहचान बदलकर यहां पर स्थापित होते हैं। उसके बाद अपने रिश्तेदारों की भी पहचान को बदलवा कर यहां पर स्थापित करने का काम कर रहे हैं। इसके लिए वे अपने सिंडिकेट को लगातार बड़ा करते जा रहे हैं व मोटे कमीशन पर पूरा काम चलता जा रहा है। इसके अतिरिक्त सभी इसी पहचान के माध्यम से कई खाड़ी देशों में भी यात्राएं करते हैं।
एडीजी लॉ एन्ड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने दी जानकारी
इस पूरे मामले को लेकर के जब हमने एडीजी लॉ एन्ड आर्डर प्रशांत कुमार से बातचीत करी तो उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में कई रोहिंग्या की तलाश उत्तर प्रदेश पुलिस को है। इसके साथ-साथ यूपी एटीएस उसको लेकर के बड़ी प्लानिंग बना रही है इसके तहत जल्द ही इन सभी के मंसूबों को नाकाम किया जाएगा।