मेरठ। एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर दो अप्रैल को दलितों ने भारत बंद का ऐलान किया था, जिसमें जमकर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था और आगजनी की गई थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर जर्नल और ओबीसी समुदाय से आने वाले लोगों से आह्नान किया गया की वो लोग 10 अप्रैल को दलितों के इस हिंसक प्रदर्शन के विरोध में सड़कों पर उतरे और भारत बंद करें। इसी को लेकर उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी कई संदेश वायरल हुए। इस मैसेज के बाद मेरठ का पुलिस प्रशासन काफी सख्त हो गया है।
मेरठ के संवेधनशील इलाकों में पुलिस, पीएसी की टीम को तैनात कर दिया गया है, हालांकि लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध जताने की अनुमति प्रशासन ने दे दी है। दूसरी तरफ मेरठ जोन ने भारत बंद की खबर को मिथ्या बताते हुए कहा कि सड़क पर आकर कानून व्यवस्था को हाथ में लेने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आह्वान किया की लोग रोजमर्रा की तरह अपने कामकाज निपटा सकते हैं क्योंकि उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस ने पर्याप्त मात्रा में अर्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया है।
मेरठ के एसएसपी मंजिल सैनी का कहना है कि 10 अप्रैल को लेकर जिले में 48 संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थानों को चुना गया हैं। इन स्थानों पर अर्द्धसैनिक और पुलिस बल लगाया गया है। उपद्रवियों से निपटने की पूरी तैयारी है। आरएएफ की तीन और पीएसी दो कंपनी के अलावा थाना पुलिस और पुलिस लाइन से रिक्रूट लगाए गए हैं। अफसरों के अलावा अर्द्धसैनिक बलों के 3800 जवान और पुलिसकर्मी लगाए हैं। उन्होंने बताया कि दस अप्रैल को लेकर सोमवार को दिनभर मीटिंगों का दौर चला। न