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बिहार में कोरोना पॉजिटिव दूसरे मरीज की मौत, पटना के एम्स में था भर्ती

कोरोना वायरस 1 बिहार में कोरोना पॉजिटिव दूसरे मरीज की मौत, पटना के एम्स में था भर्ती

पटना। बिहार में कोरोना पॉजिटिव दूसरे मरीज की मौत शुक्रवार को पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (AIIMS) में इलाज के दौरान हो गई। वह वैशाली जिले के राघोपुर का रहनेवाला 35 साल का युवक था। इससे पहले मुंगेर निवासी एक कोरोना पॉजिटिव युवक की मौत भी पटना एम्‍स में ही बीते 21 मार्च को हो गई थी। इसके साथ बिहार में कोरोना से दो लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, अभी तक मिले पॉजिटिव मरीजों की संख्‍या 83 हो चुकी है।

शुक्रवार को मरा युवक कई दिनों से बीमार था। इस दौरान वह कई बार वैशाली से इलाज और जांच के लिए पटना आया था। खास बात यह है कि उसकी कोई ट्रैवेल हिस्‍ट्री नहीं रही है। चिंता की बात यह है कि उसे कहां और कैसे संक्रमण लगा, इसका पता अभी तक नहीं चला है। इसके पहले मरे मुंगेर का युवक दुबई से लौटकर आया था।

एम्स के नोडल अधिकारी डॉक्टर नीरज अग्रवाल ने कहा  कि मृतक के शव को सुरक्षित प्रशासन को सौंपा जाएगा और प्रशासन ही ये तय करेगी कि इसका अंतिम संस्कार कहां होगा। वहीं एम्स पटना में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सह उप समाहर्ता इस्तेयाक अजमल ने बताया कि शव का अंतिम संस्कार पटना के बांसघाट पर वैशाली प्रशासन की देखरेख में किया जाएगा। इसका समय वैशाली टीम के आने के बाद ही बताया जा सकता है। अंतिम संस्कार में परिजन भी हो सकते हैं शामिल। एम्स के गाइडलाइन के हिसाब से अंतिम संस्कार किया जाएगा।

वैशाली जिले के राघोपुर प्रखंड के 35 वर्षीय युवक को 14 अप्रैल की रात को पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। शुकवार को उसकी मौत हो गई। कोरोना के संदेह में उसे अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक उसे टायफायड के साथ सांस लेने में परेशानी थी। वेंटिलेटर पर रखकर उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। 15 अप्रैल को उसकी रिपोर्ट आई, जिसमें कोरोना की पुष्टि हुई।

इसके बाद उसकी पत्नी, बहन और भाई को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर उनके सैंपल भी कोरोना की जांच के लिए भेजे गए। हालांकि, उनकी रिपोर्ट निगेटिव बताई जा रही है। मृतक के संपर्क में पटना जिले के 100 से अधिक लोगों  के आने का पता चला है। उसमें 79 की पहचान कर जांच के सैंपल लिए जा चुके हैं। अन्य की तलाश जारी है। वैशाली जिले में भी मृत युवक के संपर्क में आए आठ स्वजनों समेत 63 लोगों के सैंपल लेकर सभी को क्वारंटाइन किया जा चुका है।

अब तक माना जा रहा है कि विदेश से लौटे या कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने वाले ही खतरे में हैं, लेकिन वैशाली के मृत युवक का मामला अलग है। बीमारी के कारण वह दो वर्ष से पटना के अलावा कहीं नहीं गया। ऐसे में वह कैसे संक्रमित हुआ, इस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी  दुविधा में हैं। वे फिलहाल पटना के किसी अस्पताल तो कभी किराए की एंबुलेंस या वाहन में बैठे किसी संक्रमित के संपर्क में आने की बात कह रहे हैं।

राघोपुर के कोरोना संक्रमित मृत युवक ने खुसरुपुर के गनीचक स्थित सेंट्रल हॉस्पिटल में 23 से 27 मार्च तक इलाज कराया था। इस बीच वह गनीचक में रहने वाले अपने दर्जनों शुभचिंतकों के संपर्क में आया। दो व्यक्तियों ने उसकी झाडफ़ूंक भी की थी। प्रशासन उन सभी की तलाश में जुटा है। फिलहाल नर्सिंग होम के डॉक्टर समेत आठ चिकित्साकर्मियों और आसपास के चार लोगों काे सैंपल लेकर क्वारंटाइन किया गया है।

पटना के सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि मरीज ने जहां इलाज कराया, उनमें सेंट्रल हॉस्पिटल खुसरूपुर के 13, राजेंद्रनगर स्थित मैक्स लाइफ जांच केंद्र के 16 और न्यू बाईपास में मीठापुर बस स्टैंड के पास पॉपुलर अस्पताल के 50 लोगों को क्वारंटाइन करते हुए सैंपल लिए गए हैं।इसके अलावा पॉपुलर अस्‍पताल में भर्ती छह मरीजों का एनएमसीएच की टीम ने सैंपल लिया और उन्हें वहीं क्वारंटाइन किया है।

 

 

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