बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने की दूसरी वर्षगांठ गुरुवार को समारोह पूर्वक मनाई जाएगी। राजधानी के अधिवेशन भवन सभागार में मद्य निषेध एवंं उत्पाद विभाग द्वारा 11.30 बजे आयोजित समारोह का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उद्घाटन करेंगे। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित सभी मंत्रियों और विधायकों को इस राजकीय समारोह में आमंत्रित किया गया है।
बिहार में जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन सरकार ने 2016 में 01 अप्रैल से देशी और 05 अप्रैल से विदेशी शराब भी पीने-पिलाने, रखने, बेचने और बनाने को संज्ञेय अपराध कानून लागू किया था। शराबबंदी कानून के उल्लंघन को गैर जमानती बनाकर इसे लागू होने से अब तक पुलिस और मद्य निषेध विभाग ने छापेमारी कर 1.25 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। 21 लाख लीटर से अधिक देशी-विदेशी शराब बरामद कर नष्ट की गई है। 650 से अधिक वाहन जब्त किए जाने के साथ करीब 300 घर और भूखंड नीलाम हुए हैं। सभी जिलों में इस कानून से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए एक-एक विशेष अदालत बनी है।
मद्द्य निषेध विभाग में एडीजीपी रैंक आईपीएस अफसर की तैनाती हुई है। सभी राजनीतिक दलों ने पूर्ण शराबबंदी की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल का समर्थन किया है। विपक्ष में रहते भाजपा कानून के कारण कई प्रावधानों का विरोध करती रही है। अब राजद इस कानून के तहत अधिसंख्य गरीब, पिछड़े, दलितों की गिरफ्तारी को लेकर विरोध कर रही है। प्रदेश-भर में अब आम चर्चा है कि शराब अब कहीं बिकती न हीं दिखती है पर इसकी होम डिलीवरी हो रही है और दो-ढाई गुनी कीमत पर कारोबार का धंधा फल-फूल रहा है। बिहार के अलावा देश में गुजरात, नगालैंड और मणिपुर के कुछ हिस्सों में शराबबंदी लागू है।