श्रीनगर। सरकार की मनमानी दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। सरकार द्वारा प्रेस से स्वतंत्र बोलने की आजादी छिनी जा रही है। स्पष्ट बोलने वालें पत्रकारों के मुल्यों का हनन किया जा रहा है। जो भी सही बोलने की को कोशिश करता है उसकी आवाज साम, दाम, दंड, भेद के द्वारा दबा दी जाती है। ऐसा ही जम्मू कश्मीर में देखने को मिला है। वहां पर कश्मीर टाइम्स के दफ्तर को प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया है। अखबार की मालकिन का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई भी सूचना नहीं दी गई थी। हालांकि उन्हें खबरें मिल रही थी कि सरकारी बिल्ंिडग से उनके आॅफिस को खाली कराया जा सकता है।
बता दें कि आए दिन प्रशासन द्वारा पत्रकारों के साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है। पत्रकारांे को रोज क्षति पहुंचाई जा रही है। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सोमवार को आवंटित प्रेस एन्कलेव बिल्ंिडग में चल रहे मशहूर अखबार कश्मीर टाइम्स को सील कर दिया। न्यूज पेपर की मालिक अनुराधा भसीन ने दावा किया है कि उनसे आॅफिस खाली कराने के लिए किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है और ना ही खाली कराने का कोई कारण बताया गया है। उन्होंने आगे कहा कि एस्टेट विभाग द्वारा भी इस संबंध में कोई बातचीत नहीं की। हमने उनसे बिल्ंिडग खाली कराने के आदेश दिखाने को कहा, लेकिन हमें कुछ भी नहीं दिखाया गया। जिसके बाद अनुराधा भसीन ने कोर्ट की शरण ली, लेकिन उन्हें वहां से भी खाली हाथ लौटना। वहीं राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने भी कश्मीर टाइम्स के आॅफिस खाली कराने के फैसले पर सरकार की जमकर आलोचना की है। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर लिखा कि इससे पता चलता है कि क्यों हमारे प्रतिष्ठित प्रकाशन सरकार के मुखपत्र बन गए हैं और सिर्फ सरकार द्वारा दिए गए प्रेस विज्ञप्ति को ही छाप रहे हैं। स्वतंत्र पत्रकारिता की कीमत ये है कि उसे बिना तय प्रकिया के निकाल बाहर किया जाता है।
वहीं महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में लिखा कि अनुराधा उन स्थानीय संपादको में से थी। श्रीनगर में उनका दफ्तर बंद करना सीधे तौर पर भाजपा की बदले की कार्रवाई है। जो उनके खिलाफ खड़े होने की हिम्मत करते हैं। इतना ही नहीं वहीं एस्टेट विभाग के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद असलम का कहना है कि न्यूजपेपर ने सरकारी बिल्ंिडग प्रेस एन्कलेव के दो क्वार्टर घेरे हुए थे, जिनमें से एक क्वार्टर को विभाग द्वारा पहले ही ले लिया गया था। उन्होंने बताया कि क्वार्टर अनुराण भसीन के पिता वेद भसीन को आवंटित हुआ था, जो कश्मीर टाइम्स के संस्थापक थे। उनकी मौत के बाद इस क्वार्टर का आवंटन रद्द हो गया था। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह क्वार्टर कश्मीर टाइम्स के नाम पर नहीं था। हमने दो-तीन महीने पहले इसे खाली कराने को कहा था। आगे बता दें कि धारा 370 हटने के बाद जब वहां की मीडिया पर पाबंदी लगायी गई थी। तब अनुराधा ने खुलकर इसकी आलोचना की थी।