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भारत में कोरोना मामलों को लेकर वैज्ञानिकों ने दी डराने वाली चेतावनी, जाने क्या कहा

कोरोना वायरस 1 भारत में कोरोना मामलों को लेकर वैज्ञानिकों ने दी डराने वाली चेतावनी, जाने क्या कहा

भारत में कुछ ही हफ्तों में कोरोना वायरस के मामलों भी भारी बढ़ोतरी हुई है। देश में हर दिन 50 हजार से मामले सामने आ रहे है।

 नई दिल्ली। भारत में कुछ ही हफ्तों में कोरोना वायरस के मामलों भी भारी बढ़ोतरी हुई है। देश में हर दिन 50 हजार से मामले सामने आ रहे है। एक हफ्ते में देश में कोरोना के मामले 1 लाख के पर पहुंच गए हैं। इसको लेकर वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर देश में इसी तरह कोरोना के मरीज़ बढ़ते रहे तो भारत रोज़ के मामले में ब्राजील से भी आगे निकल जाएगा।

बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते मामलों बावजूद सरकार के कम्यूनिटी ट्रासमिशन की बात को न मानना एक्सप्रेट की मुश्किलें बढ़ा रहा है। ग्लोबल हेल्थ में शोधकर्ता और पुणे में डॉक्टर अनंत भान का कहना है कि “कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात पर स्वीकार करने से जो लोग पॉलिसी बनाते हैं वो लोग असहज हो जाते हैं। ऐसा होना नहीं चाहिए जबकि देश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हो।

एक सितंबर तक हो सकते हैं कोरोना के 35 लाख मामले

वहीं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज का मानना है कि भारत में 1 सितंबर तक कोरोना के मामले 35 लाख तक पहुंच सकते हैं। अमेरिका के एपेडेमियोलॉजिस्ट भ्रमर मुखर्जी ने वेबसाइट द वायर से बात करते हुए कहा कि इस बात की संभवाना है कि भारत में पहले से ही 3 करोड़ पॉजिटिव मामले हैं और अगले 6 हफ्तों में यह संख्या बढ़कर 10 करोड़ तक पहुंच सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है इसमें कोई शक नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं इस बात का पता लगाना चाहता हूं कि साइंटिस्ट इस बात को कैसे जानेंगे  कि भारत में कोई कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है।।

सरकार अपनी छवि खराब नहीं होने देना चाहती

वहीं वेलोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में एपेडेमियोलॉजिस्ट जयप्रकाश मुलियिल का कहना है कि, कुछ नेता कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात को इस तरफ ले जाएंगे कि सरकार संक्रमण को रोकने में सक्षम नहीं है। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान वायरस रोकने के लिए किए गए सभी उपाय असफल रहे। क्या सरकार यह मानती है कि इसे सभी प्राइमरी और सेकेंड्री कॉन्टैक्ट को पहचानने और आइसोलेट करने में असफलता की तरह लिया जाएगा? बीमारी अपने पैर जमा चुकी है।

सिर्फ 10 राज्यों में 86% संक्रमित हैं

अब तक केवल केरल, पश्चिम बंगाल और असम सरकार ने अपने राज्यों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात स्वीकार की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के डाटा में पाया गया है कि 86 प्रतिशत कोविड 19 संक्रमण देशभर के 29 में से 10 राज्यों से आया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन्स के मुताबिक, नए समुदाय में वायरस की शुरुआत को ट्रेस और पहचान न कर पाने को कम्युनिटी ट्रांसमिशन कहा जाता है।

अधिकारी भी नकार रहे कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात

बीते हफ्ते इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया के चेयरमैन वीके मोंगा का कोविड 19 कम्युनिटी ट्रांसमिशन के मामले की घोषणा करने के बाद बोर्ड से दूरी बना ली। सीनियर वायरोलॉजिस्ट ने कहा “आप उसे किस नाम से बुलाते है, इससे क्या फर्क पड़ेगा? हमें केवल हमारी रणनीति सुधारने की जरूरत है और हमें इसे कोई निश्चित नाम से बुलाने की जरूरत नहीं है।”

इसके अलावा हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव भी कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात को नकार चुके हैं। उन्होंने कहा “भारत कम्युनिटी ट्रांसमिशन में नहीं है। एक यही टर्म है जिसका उपयोग किया जाता है। हमें टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रैकिंग और क्वारैंटाइन की रणनीति को जारी रखना होगा और कंटेनमेंट उपायों को बनाए रखना होगा, जो अब तक सफल रहे हैं।”

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