शोधकर्ताओं और गोताखोरों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने मेक्सिको की युकाटन प्रायद्वीप में जलमग्न गुफाओं में लाल गेरू की खानों की खोज की है। इस खबर की जानकारी जर्नल साइंस एडवांस द्वारा प्रकाशित अध्ययन में दी गई है।पिछले कई वर्षों से वैज्ञानिकों को इन गुफाओं में मानव कंकाल मिले, लेकिन इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि, लोग वहां कैसे पहुंचे..
तो वहीं कुछ इतिहासकारों का कहना है कि, अंतिम हिम युग के बाद समुद्र के बढ़ते स्तर के बीच गुफाओं को छोड़ दिया गया और लगभग 8,000 साल पहले ये जलमग्न हो गयीं।मिसौरी विश्वविद्यालय से अध्ययन के प्रमुख लेखक ब्रांडी मैकडोनाल्ड ने इन गुफाओं पर खोज की है। और उन्होंने इन गुफाओं से जुड़ी हुई जानकारी दी है।
ओंटारियो के मैकमास्टर विश्वविद्यालय में विशेषज्ञ गोताखोर और प्रोफेसर एडुआर्ड रेनहार्ड्ट का कहना है कि , “10,000 से 12,000 साल पहले जितने उपकरण बचे थे वो पानी में डूब चुके हैं। और इन पर अध्ययन करने का हमें मौका मिला है।शोध दल का कहना है कि, खोज में मिली गुफाओं में कलाकृतियों में गेरू के निष्कर्षण के गड्ढे, स्टैलेग्माइट से बने औजार, खुदाई के निशान और प्रकाश को बनाए रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले चूल्हे शामिल थे।
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उत्तरी अमेरिका के अन्य हिस्सों से मिले सबूत बताते हैं कि खनिज को एंटीसेप्टिक के रूप में या अंतिम संस्कार और कला सजावट जैसे प्रतीकात्मक उद्देश्यों के लिए इन्हें रखा जा सकता है।
सौजन्य स्पूतनिक