बोस्टन। दुनियाभर के वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक को विकसित करने में लगे हुए हैं। इसका इस्तेमाल बेहद विकसित मोबाइल फोन और कंप्यूटर तैयार करने में किया जा रहा है।अब वैज्ञानिक एआइ के क्षेत्र में एक और कदम आगे बढ़ने जा रहे हैं। इस तेजी से उभरती तकनीक के जरिये वे सबसे रहस्यमय तंत्र यानी मानव मस्तिष्क में छुपे रहस्यों को उजागर करने की तैयारी में हैं। वैज्ञानिक एक आर्टिफिशियल न्यूरोंस तैयार कर रहे हैं, जो एक लाइन कोड और सॉफ्टवेयर है, जिसे न्यूरल नेटवर्क मॉडल से जोड़ा जाएगा। इसके जरिये तस्वीरों के स्थानों और वस्तुओं को पहचाना जा सकता है।
बता दें कि शोधकर्ता पहले से ही जानते हैं कि मानव मस्तिष्क में बहुत सारी तस्वीरें एकत्र होती हैं। इस तरह इस नेटवर्क का इस्तेमाल मानव मस्तिष्क में छुपी तस्वीरों के आधार पर स्थानों और वस्तुओं को पहचानने में किया जा सकेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि एआइ नेटवर्क के जरिये मानव मस्तिष्क में छुपे तमाम रहस्यों को खोला जा सकता है और इसकी मदद से हम वो सब जान सकते हैं, जिनसे अभी तक अंजान हैं। अमेरिका स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के औड ओलिवा के मुताबिक, तंत्रिका वैज्ञानिक और कंप्यूटर वैज्ञानिक मानव मस्तिष्क के रहस्यों पर से पर्दा उठाने के लिए तैयारी कर रहे हैं।
इसके लिए एक जटिल प्रणाली तैयार की जा रही है, जो न्यूरोंस और यूनिट्स को एक-साथ माप सके। हम इस बारे में प्रयोग कर रहे हैं ताकि दोनों चीजों की एक साथ गणना की जा सके। इसमें सफल होने के बाद मस्तिष्क का कोई हिस्सा विज्ञान से छुपा नहीं रह पाएगा। इस अध्ययन के लिए औड और उनके सहयोगियों ने एक करोड़ तस्वीरों को एकत्र किया। इसके बाद आर्टिफिशियल नेटवर्क के जरिये 350 विभन्न स्थानों जिनमें रसोई, बेडरूम, पार्क, लिविंग रूम आदि शामिल थे की पहचान की गई। इस प्रयोग के जरिये वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि इसे तकनीक को मानव मस्तिष्क के लिए तैयार किया जा रहा है।
Comments