चंद्रयान-3चंद्रयान-2 के दौरान लॉन्च किए गए ऑर्बिटर का इस्तेमाल चंद्रयान-3 के लिए किया जाएगा। कोरोना के चलते लॉकडाउन की वजह से चंद्रयान-3 को लेकर चल रहा काम प्रभावित हुआ था। लेकिन अब इसको लेकर बड़ी खबर सामने आई है। जहां अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अगले साल की तीसरी तिमाही में चंद्रमा पर अपना तीसरा मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च कर सकता है।
2022 की तीसरी तिमाही में होगा लॉन्च ?
अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3 के 2022 की तीसरी तिमाही में लॉन्च होने की संभावना है। दरअसल आज लोकसभा में एक प्रश्नकाल का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 पर कार्य प्रगति पर है। चंद्रयान-3 के कार्य में आकृति को अंतिम रूप दिया जाना, उप-प्रणालियों का निर्माण, अंतरिक्ष यान स्तरीय विस्तृत परीक्षण और कई विशेष परीक्षण जैसी विभिन्न प्रक्रियाएं शामिल हैं।
चंद्रयान-3 पर कार्य फिर से आरंभ
उन्होने बताया कि कार्य की प्रक्रिया कोविड-19 महामारी के कारण बाधित हो गई थी। अनलॉक अवधि आरंभ होने के बाद चंद्रयान-3 पर कार्य फिर से आरंभ हो गया, और अब यह कार्य संपन्न होने के अग्रिम चरण में है।
चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं होगा
बता दें चंद्रयान को लेकर इसरो प्रमुख के. सिवन ने एक बयान जारी करके 2022 में प्रक्षेपण की उम्मीद जताई थी। के सिवन ने कहा था कि कोरोना की वजह से चंद्रयान-3 और देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ सहित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की कई परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं। चंद्रयान-3 में अपने पूर्ववर्ती यानों की तरह ‘ऑर्बिटर’ नहीं होगा।
चंद्रयान-2 नहीं कर पाया था ‘सॉफ्ट लैंडिंग’
याद हो कि चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 22 जुलाई 2019 को हुआ था, और इसे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘रोवर’ उतारने के लिए भेजा गया था। लेकिन चंद्रयान-2 का लैंडर ‘विक्रम’ 7 सितंबर 2019 को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल नहीं रहा। और पहले ही प्रयास में यह सफलता अर्जित करने का भारत का सपना अधूरा रह गया।