लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भी अब स्कूल छात्र-छात्राओं को फीस जमा न होने के कारण ऑनलाइन/ऑफलाइन कक्षा या परीक्षा से वंचित नहीं कर सकेंगे। इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक प्रयागराज आर एन विश्वकर्मा ने निर्देश जारी किए हैं।
यह भी पढ़ें: अखिलेश यादव बोले- भाजपा सरकार जान-बूझकर बढ़ा रही पेट्रोल-डीजल के दाम
जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा यह निर्देश उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड), केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई बोर्ड) भारतीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (आईसीएसई बोर्ड) द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों के सभी प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों और प्रधानाध्यापकों के लिए जारी किया गया है। निर्देश में कहा गया है कि किसी भी छात्र-छात्रा को फीस जमा न होने के कारण ऑनलाइन/ऑफलाइन कक्षाओं या परीक्षाओं से वंचित न किया जाए।
फीस जमा करने के लिए न करें बाध्य
जिला विद्यालय निरीक्षक आर एन विश्वकर्मा द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि कोरोना संकट के कारण तीन माह की अग्रिम फीस जमा करने के लिए बाध्य न किया जाए। साथ ही विद्यालयों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन कक्षाओं से फीस के कारण वंचित न किया जाए और न ही छात्रों का नाम काटा जाए।
कई शिकायतें मिलने पर दिया निर्देश
पत्र में कहा गया है क, प्रकाश में आया है कि फीस जमा न होने के कारण विद्यालयों द्वारा छात्र-छात्राओं ऑनलाइन/ऑफलाइन कक्षाओं या परीक्षाओं से वंचित किया जा रहा है, जो उचित नहीं है। ऐसे में कतिपय सभी विद्यालयों को निर्देशित किया जाता है कि शुल्क जमा न होने के कारण किसी भी छात्र या छात्रा को विद्यालय द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन/ऑफलाइन कक्षाओं या परीक्षाओं से वंचित न किया जाए।
डिप्टी सीएम शर्मा ने दिए थे फीस न बढ़ाने के निर्देश
इससे पहले यूपी के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कोविड-19 के कारण पैदा हुईं परिस्थितियों के मद्देनजर शैक्षणिक सत्र 2020-21 में स्कूलों को फीस न बढ़ाने के निर्देश दिए थे। डिप्टी सीएम ने कहा था कि, कोरोना लॉकडाउन के कारण छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के रोजगार प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं और ऐसे में उन्हें फीस जमा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।