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यूपी में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी किसानों के उत्थान की योजनाएं : कांग्रेस

किसानों के उत्थान की योजनाएं

लखनऊ। किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करके सत्ता पर काबिज हुई भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार व उत्तर प्रदेश समेत भाजपा शासित सभी राज्यों में किसानों के उत्थान की संचालित सभी सरकारी योजनाएं अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। यह आरोप उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने लगाया है।
विकास श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में किसानों के उत्थान की योजनाओं जैसे ‘‘कर्ज माफी’’ योजना के बाद अब ‘‘पीएम किसान सम्मान निधि’’ में भी करोड़ो का घोटाला होने की खबरें आये दिन उत्तर प्रदेश के तमाम जनपदों में देखने को मिल रही है। जरूरतमंद और उपयुक्त लाभार्थी किसान सरकार कार्यालयों के चक्कर काट रहे है, कृषि विभाग, सहज जनसेवा केन्द्र और भ्रष्ट अधिकारी, भ्रष्ट कर्मचारियों की मिलीभगत से प्रदेश के तमाम जनपदों में अपात्र किसानों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर आर्थिक लाभ पहुंचाकर ‘‘किसान सम्मान निधि’’ में लाखों का वारा-न्यारा कर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा की किसानों के प्रति मानसिकता का अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि योगी सरकार ने साढे चार साल में तीन बार बिजली का दाम बढ़ाया,150 रूपये हार्सपावर प्रति माह से 170 रूपया हार्सपावर प्रतिमाह करके उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को सबसे मंहगी बिजली दरें बढ़ा कर किसानों पर मंहगाई की मार दोगुनी कर दी है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार गन्ना किसानों का 14000 करोड़ रूपये बकाया और किसानों का ब्याज की रकम दबाकर झूठे आंकड़ों से प्रदेश की जनता और मीडिया को गुमराह कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने कहा कि औसतन 200 से 300 कुन्तल गन्ना पैदा करने वाले किसान को 5 रूपये प्रति कुन्तल एफआरपी बढ़ाकर गन्ना किसानों के साथ भद्दा मजाक किया है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आपको जानकारी होनी चाहिए उत्तर प्रदेश में एफआरपी से किसान का कोई लेना देना नहीं है, यहां गन्ना किसानों को एसएपी मिलता है, जिसमें आपकी सरकार ने एक रूपये का भी इजाफा नहीं किया है। डीजल का रेट आपकी बीजेपी सरकार ने 55 से बढ़कर 90 रूपये कर दिया है, और गन्ने का मूल्य मोदी सरकार ने 285 से 290 कर दिया है। वही उत्तर प्रदेश में धान और गेहूं के ज्यादातर किसानों को तय न्यूनतम समर्थन मूल्य से 400 से 500 रूपये प्रतिकुन्तल का नुकसान विभागीय अनियमितता और व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण उठाना पड़ रहा है, सरकार डीजल खाद, कीटनाशक के बढ़ते दाम को लेकर बिलकुल गंभीर नहीं है और फसल खरीद के सरकारी आकड़ों के फर्जीवाड़ा को मीडिया में बताकर अपनी पीठ ठोक रही है।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि छुट्टा पशुओं से किसान पहले से ही हलकान है। 24 घण्टे खेतों की रखवाली करने के लिए मजबूर उत्तर प्रदेश का किसान प्रतिबिघा लागत की बढ़ोत्तरी से इतना परेशान हो चुका है कि किसानी छोड़ कर मजदूरी करने को मजबूर है। श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने धन्नासेठ मित्रों को ‘‘फसल बीमा येजना’’ के नाम पर लगभग 1300 करोड़ रूपये कमवा दिये, वहीं ओलावृष्टि, बारिश, बाढ़ से फसलें बर्बाद होने पर प्रदेश के लाखों किसान मुआवजे से वंचित है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का झूठा दावा तो नहीं पूरा कर पायी परन्तु तीनों काले कानून को वापस लेकर नौ महिने से आंदोलनरत किसानों की जायज मांग एमएसपी को लिखित तौर पर कानून में शामिल कर ले। इस काले कानून में कान्टै्रक्ट खेती और विनमय सम्बन्धित जो किसान विरोधी कानून में प्राविधान है, उसे तत्काल वापस लेकर आंदोलन को खत्म कराये। उत्तर प्रदेश कांग्रेस किसानों के हितों के लेकर कटिबद्ध है कांग्रेस पूरे प्रदेश के समस्त जनपदों में व्यापक स्तर पर जन जागरण अभियान चला रही है, गांवों में जिस तरीके से काले कानूनों के लेकर योगी सरकार समेत समूची मोदी सरकार के खिलाफ जनाक्रोश व्याप्त है। इससे स्पष्ट है की आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का समूल सफाया तय है।

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