नई दिल्ली। 25 नवंबर को देश की सबसे बड़ी अदालत ने प्रदूषण से छुटकारा दिलाने के लिए पटाखों पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही अगले आदेश तक सभी पटाखा व्यापारियों के लाइसेंस भी रद्द कर दिए थे।आज इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट फिर से सुनवाई करेगा जिसमें प्रदूषण घटाने के दूसरे उपायों पर चर्चा की जाएगी।
पिछले आदेश को जारी करते हुए कोर्ट ने कहा था कि ये रोक अगले आने वाले आदेश तक जारी रहेगी। कोर्ट ने इस मामले में सेन्ट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से इस बात की जानकारी मांगी थी कि पटाखा बनाने में किन सामग्रियों का इस्तेमाल होता है जिसकी रिपोर्ट उसे 3 महीने के अंदर कोर्ट में देनी होगी।
दीवाली के बाद से बढ़ा प्रदूषण:-
दीवाली के बाद से ही दिल्ली एनसीआर में काले धुंध की परछाई देखी जा रही थी। जिसकी वजह से आम आदमी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। कहीं लोग एंटी पोल्यूशन मास्क लगाते हुए दिखाई दिए तो कहीं लोग आंखों में धुंध लगने की शिकायत करते। ये धुंध इतनी खतरनाक थी कि दिन पर दिन विजिबिलिटी भी कम होने लगी और दोपहर में ऐसा लगता था मानो जैसे काली रात छा गई हो। नवंबर महीने के शुरुआती दिनों में विजिबिलिटी गिरकर 200 मीटर ही रह गई जिसके चलते दिल्ली सरकार ने आनन-फानन में 1800 सरकारी स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया गया था।
बता दें, कोर्ट में याचिका किसी वयस्क व्यक्ति ने नहीं बल्कि इस जहरीरी धुंध में सासं ले रहे तीन बच्चों ने की थी जिनकी उम्र 6 से 14 साल बताई जा रही है। इन छोटे बच्चों ने साफ हवा में सासं लेने के अधिकार के तहते ये याचिका दाखिल कराई थी जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था।