नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय दिल्ली के शाहीन बाग से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए केंद्र और अन्य को निर्देश की मांग करने वाली याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए। दिल्ली के शाहीन बाग में दिसंबर माह से विरोध प्रदर्शन चल रहा है, लोग नागरिकता संशोधन कानून को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। शाहीन बाग पर पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी सार्वजनिक जगह पर अनंतकाल तक प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है। हालांकि तब सड़क खाली करवाने का कोई आदेश नहीं दिया गया था। मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 जनवरी का दिन तय किया गया था।
तब न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा था कि एक कानून है और लोगों की उसके खिलाफ शिकायत है। मामला अदालत में लंबित है। इसके बावजूद कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन आप सड़कों को अवरूद्ध नहीं कर सकते। ऐसे क्षेत्र में अनिश्चित समय तक प्रदर्शन नहीं हो सकते। अगर आप प्रदर्शन करना चाहते हैं तो यह प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थान पर होना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि शाहीन बाग में लंबे समय से प्रदर्शन चल रहा है लेकिन यह दूसरे के लिए असुविधा नहीं पैदा कर सकता। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि वह दूसरे पक्ष को सुने बगैर कोई निर्देश जारी नहीं करेगी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 17 फरवरी के मुकर्रर की थी। दरअसल, नागरिक संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग में हजारों लोग दिसंबर 2019 से सड़क संख्या 13 ए (मथुरा रोड से कालिंदी कुंज) पर बैठे हुए हैं। यह मुख्य सड़क दिल्ली को नोएडा, फरीदाबाद से जोड़ती है और रोजाना लाखों लोग आवाजाही में इस सड़क का इस्तेमाल करते हैं।