नई दिल्ली। एससी-एसटी ऐक्ट में सुप्रीम कोर्ट द्रारा बदलाव पर चुनावों पर असर ना पड़े इसके लिए बीजेपी शासित चुनावी राज्य रिव्यू पिटिशन दाखिल की जाएगी। केंद्र सरकार ने इस संबंध में पहले ही शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है। अब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकार भी इस मामले में पार्टी बन सकती हैं। इन सरकारों की ओर से याचिका दायर कर कहा जाएगा कि एससी-एसटी ऐक्ट पर अदालत के फैसले से इसका उद्देश्य कमजोर हुआ है, ऐसे में इस पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए।
बता दे कि राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां पूरी तैयारी से लगी हुई हैं। बीजेपी शासित चुनावी राज्य रिव्यू पिटिशन दाखिल किया जाएगा। राजस्थान सरकार ने 23 मार्च को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के संबंध में जारी पुलिस सर्कुलर को तत्काल वापस लेने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने स्पष्ट किया कि सर्कुलर उनकी संज्ञान के बिना जारी किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता चला है कि मेरी जानकारी के बिना अधिकारियों ने एक सर्कुलर जारी किया है जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। मैंने निर्देश दिया है कि इसमें किसी प्रकार का भ्रम पैदा नहीं करे। मैंने इस संबंध में गृहमंत्री और पुलिस मुख्यालय को निर्देश दिये हैं कि आवश्यक स्पष्टीकरण का पत्र जारी करें। सरकार एससीएसटी के अधिकारों की रक्षा के लिये कृत संकल्प है।
अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की ओर से कुछ बदलाव किए गए थे जिसका 2 अप्रैल को दलितों की ओर से पूरें भारत में अलग अलग राज्यों में विरोध प्रदर्शन किया गया था जिसके जबाव में केन्द्र सरकार नेपुनर्विचार याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दायर की है जिसका राज्य सरकार की ओर से समर्थन किया गया हैं।