नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में बेंचों के गठन और उन के अधिकार क्षेत्र को लेकर पारदर्शिता और नियम बनाने के मामले को लेकर दाखिल याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करने से पहले कहा कि चीफ जस्टिस संस्थान के हेड हैं इसलिए उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि सीजेआई कार्यालय को स्वतंत्र सेफ गार्ड दिए गए हैं और उनके पास बेंचों के गठन को लेकर एक्सक्लूजिव अधिकार है।
कोर्ट ने कहा कि सीजेआई खुद एक संस्थान हैं और उन्हें किसी केस आवंटन का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने अपने हलफनामें में आगे कहा कि सिर्फ आशंका के आधार पर चीफ जस्टिस के अधिकारों पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव की याचिका सकैंडलस है और संविधान ने चीफ जस्टिस पर सुप्रीम कोर्ट का कामकाज चलाने के लिए भरोसा किया गया है। इस याचिका को वकील अशोक पांडे ने दाखिल किया था।
दरअसल याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग पीठों के गठन और अधिकार क्षेत्र के आवंटन के लिए एक निर्धारिक प्रक्रिया तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार को आदेश दिया जाए। में सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को एक विशेष नियम बनाने का भी एक निर्देश मांगा गया है कि CJI कोर्ट में तीन जजों की बेंच में CJI और दो वरिष्ठ जज हों जबकि संविधान पीठ में 5 सबसे वरिष्ठ जज हों या तीन सबसे वरिष्ठ और दो सबसे जूनियर जज हों।