नई दिल्ली। इस साल अगस्त माह में यूपी के NH-91 पर बुलंदशहर के हाइवे पर हुए मां बेटी के साथ हुए सामूहिक बलात्कार मामले को लेकर शासन से लेकर प्रशासन तक हिल गया था लेकिन इस दौरान लगातार अखिलेश सरकार की कानून व्यवस्था को लेकर काफी हाय तौबा मची थी।
इस दौरान राजनेताओं ने भी अपने -अपने तरीके से मामले में अपनी राजनीति गरम की थी लेकिन इस प्रकरण में सूबे की सपा सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खान जो कि अपनी बयान बाजी के लिए खासा ही चर्चा में रहते हैं। उन्होने इस प्रकरण पर एक विवाद बयान देकर राजनीति को काफी गरम कर दिया था। इस मामले में नाबालिग पीड़िता के पिता की ओर से एक याचिका दायर की थी, जिसमें पीड़िता ने आजम पर FIR दर्ज करने की मांग की थी । इसके साथ ही लापरवाह पुलिस अधिकारियों पर भी FIR दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण पर आजम खां से दिए गये बयान पर जबाब तलब किया था लेकिन जबाब ना आने पर अब इस मामले में नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार से भी जबाब मांगा है। अब इस मामले में सरकार के साथ आजम खां की मुश्किलें बढ़ गई हैं।