नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रशांत भूषण अवमानना मामले में अपना फैसला सुनाया है। SC ने दोषी वकील प्रशांत भूषण की सजा पर फैसला सुनाते हुए 1 रुपये का जुर्माना लगाया हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 15 सितंबर तक जुर्माना जमा करवाने का आदेश दिया हैं। जुर्माना जमा नहीं कराए जाने पर 3 महीने की जेल और 3 साल तक प्रैक्टिस करने पर रोक लगाए जाने का आदेश दिया हैं।
बता दें कि पिछली सुनवाई में प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगने से साफ इंकार कर दिया था। जिसके बाद कोर्ट ने भूषण के वकील से ही पूछा था कि आप सलाह दीजिए कि भूषण को क्या सजा दी जानी चाहिए? सुप्रीम कोर्ट ने पिछले मंगलवार को सुनवाई पूरी कर सजा पर फैसला सुरक्षित रखा लिया था।
भूषण सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना के हैं दोषी
अदालत ने सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना के 2020 के मामले में दोषी प्रशांत भूषण को सजा सुनाने के मुद्दे पर अटॉर्नी जनरल से उनकी राय मांगी थी जिसपर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि भूषण का ट्वीट यह बताने के लिए था कि ज्यूडिशरी को अपने अंदर सुधार लाने की जरूरत है, इसलिए भूषण को माफ कर देना चाहिए।
गलती हमेशा गलती होती है: सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि भूषण ने पिछले सोमवार को कोर्ट में जो अपना अतिरिक्त बयान दाखिल किया है उसमें उम्मीद थी कि भूषण अपने रवैये में कुछ सुधार करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि हमने भूषण को मौका दिया था। गलती हमेशा गलती होती है और संबंधित व्यक्ति को यह महसूस होना चाहिए। कोर्ट कि मर्यादा है। भूषण ने कहा कि मैं माफी नहीं मांगूगा।
अवसर देने पर भी भूषण ने माफी नहीं मांगी: सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से इस मामले में भूषण को क्या सजा दें इसपर अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि आप कह दीजिए कि वह भविष्य में ऐसा बयान न दें। अटॉर्नी जनरल की राय पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि दुनिया में कोई भी पूर्ण नहीं हैं। गलती सब से होती है लेकिन गलती करने वाले को इसका एहसास तो होना चाहिए। हमने उनको अवसर दिया लेकिन उन्होंने कहा कि माफी नहीं मांगना चाहता।
अटॉर्नी जनरल की तरफ से कहा गया कि “भूषण को लगता है कि उन्होंने गलत नहीं किया। कोर्ट मानती है कि गलत किया हैं। आप चेतावनी देकर जाने दीजिए।” इसपर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा कि अगर उन्हें यह लगता है कि उन्होंने गलत नहीं किया तो हमारी बात का क्या लाभ होगा। यह कैसे सुनिश्चित होगा कि वह भविष्य में ऐसा नहीं करेंगे।
भूषण भविष्य में ऐसा नहीं करेंगे: राजीव धवन
वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि भूषण भविष्य में ऐसा नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तो ऐसा उन्हें कहना चाहिए। वह ऐसा कहते तो मामला सरल था लेकिन उन्होंने अपने ट्वीट को सही ठहराना शुरू कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि वह भूषण का बयान पढ़ें जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम खत्म हो गया है, जो कि बेहद आपत्तिजनक है। जस्टिस अरुण मिश्रा ने अटॉर्नी जनरल से सवाल किया, “अगर भूषण ने कोई गलती नहीं की है तो चेतावनी किस बात की दी जाए?”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भूषण ने सुप्रीम कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के खिलाफ कई अपमानजनक टिप्पणियां की है। यहां तक कि रामजन्मभूमि मामले में भी, उस मामले से जुड़े केवल एक न्यायाधीश सेवानिवृत्त हुए है, बाकी अभी भी इस अदालत में हैं।
कोर्ट में वकील राजीव धवन ने भूषण के बचाव में दलील दी कि मैंने तो जजों और न्यायपालिका के बारे में बहुत कुछ लिखा है, बोला है। आलोचना भी की है, सैकड़ों आर्टिकल लिखे है। कहा कि अगर भूषण को सजा हुई तो यह न्यायपालिका के लिए काला दिन होगा। कहा कि एक वकील के तौर पर भूषण ने न्यायपालिका और देश के लिए बहुत किया हैं। उनका योगदान बहुत है।