मुंबई। महाराष्ट्र केस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की ओर संयुक्त रूप से दाखिल की गई याचिका पर देश की सबसे बड़ी अदालत में सुनवाई के दौरान शिकायतपक्ष की ओर से जोरदार दलीलें दी गईं। कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि राज्यपाल केंद्र के सीधे निर्देश पर काम कर रहे हैं। राष्ट्रपति शासन खत्म करने की सिफारिश, कैबिनेट मीटिंग और राष्ट्रपति के दस्तखत कब हुए इसकी टाइम लाइन तलब की जाए।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही शिवसेना की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने सबसे पहले रविवार के दिन सुनवाई कराने के लिए कोर्ट से माफी मांगी, जिस पर कोर्ट ने कहा कि संविधान की रक्षा करना हमारी ड्यटी है। कपिल सिब्बल शिवसेना की ओर से कोर्ट में दलील रख रहे हैं तो अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस की ओर से पेश हो रहे हैं।
वहीं 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम घोषित किया गया। सदन में बहुमत के लिए 145 विधायकों का समर्थन चाहिए। 24 अक्टूबर से 9 नवंबर के बीच कुछ नहीं हुआ। इस दौरान राज्यपाल ने किसी को सरकार बनाने के लिए नहीं बुलाया। फिर 9 नवंबर को बीजेपी को बुलाया गया, लेकिन उसने सरकार बनाने से मना कर दिया। 10 नवंबर को शिवसेना को बुलाया लेकिन उसे 24 घंटे का ही समय दिया गया।
बाद में अन्य पार्टियों को टटोलकर 12 नवंबर को दोपहर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। चुनाव पूर्व गठबंधन (बीजेपी-शिवसेना) टूट गया और चुनाव बाद नया गठबंधन बनाया गया। 22 नवंबर की शाम 7 बजे एक पीसी में ऐलान किया गया कि हम शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिलकर सरकार बनाने पर सहमत हो गए हैं और सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।