सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए त्रिपुरा में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के कार्यान्वयन की मांग करने वाली अर्जी पर जवाब मांगा है।
इसे भी पढ़ेःसुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, दवा परीक्षण को लेकर नियम बनाए केंद्र सरकार
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने त्रिपुरा पीपुल्स फ्रंट (टीपीएफ) की ओर से दायर अर्जी पर विचार किया है। जिसमें अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए एनआरसी में त्रिपुरा के नागरिकों के पंजीकरण की मांग की गई है।
केंद्र सरकार ने 30 जुलाई को असम में एनआरसी सूची का दूसरा मसौदा प्रकाशित किया था,जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए। असम के लिए एनआरसी का पहला मसौदा बीते 31 दिसंबर और एक जनवरी की रात प्रकाशित किया गया था।
बता दें कि 20वीं सदी की शुरुआत से ही असम में बांग्लादेश से प्रवासियों के आने का सिलसिला चलता रहा है। असम देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां एनआरसी की व्यवस्था लागू की गई है। मालूम हो कि असम में पहला एनआरसी 1951 में तैयार किया गया था।